फूलों की घाटी मे 10 ट्रेप कैमरे से रखी जायेगी नजर।

विनय उनियाल

चमोली/जोशीमठ : शीतकाल में 10 ट्रैप कैमरे करेंगे विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की निगरानी, वन्यजीवों के साथ शिकारियों पर भी रहेगी नजर
87 वर्ग किमी0 की फूलों की घाटी में अब कुल 18 ट्रैप कैमरे शीतकाल में वन्य जीवों की निगरानी के साथ शिकारियों पर भी नजर रखेंगे, वहीं पार्क प्रबन्धन का एक विशेष दस्ता पार्क की निगरानी में दिन रात जुटा हुआ है, पार्क में अभी दुर्लभ हिम तेंदुए सहित हिमालयन मस्क डियर, ब्लू शीप, भरल, काला भालू, सहित कई दुर्लभ बन्य जीव मौजूद है,अभी 10 ट्रेप कैमरों को अलग अलग संवेदनशील स्थानों पर लगाए गए है,साथ ही पार्क कर्मियों द्वारा लगातार घांघरिया बेस कैंप से लेकर पूरे पार्क एरिया पर लम्बी दूरी की पेट्रोलिंग गश्त की जा रही है विगत 31,अक्टूबर को विश्व धरोहर राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी शीतकाल के लिए बंद हुई। करीब 21हजार से अधिक पर्यटकों ने इस वर्ष घाटी की सैर की।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रति वर्ष विश्व भर के पर्यटको का अपनी ओर खींच लाती है। घाटी मे जून से लेकर अक्टूबर तक पर्यटको की आवाजाही बनी रहती है। वन महकमे की देखरेख मे पर्यटको को फूलो की घाटी की सैर कराने के साथ ही वहाॅ उगने वाले सैकडो प्रजाति के फूलों के साथ ही बेसकीमती जडी-बूटियो की जानकारी दी जाती है।
करीब 87वर्ग किमी0 मै फैली विश्व धरोहर फूलो की घाटी मे सैकडो प्रजाति के फूलो के साथ ही कई किस्म की बेसकीमती जडी-बूटियों का भंडार है। खासकर ब्लू पापी, वाइल्ड रोज, लिली कोबरा आदि फूलो को नजदीक से देखने के लिए विदेशी पर्यटक बडी संख्या मे यहाॅ पंहुचते हैं। घाटी मे पाई जाने वाली बेसकीमती जडी-बूटियो मे जेरिनियम, डोलू, चैरू, शंख पुष्पी, हत्था जडी, शालम पंजा, सतावर आदि प्रमुख है।
फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में
इस वर्ष पर्यटको की संख्या गत वर्ष से काफी अधिक रही। पर्यटको को घाटी की सैर कराने व उनकी सुरक्षा के लिए आधा दर्जन वन आरक्षी व एक वन दारोगा की तैनाती रहती है। इस वर्ष घाटी मे ट्रैप कैमरों की संख्या बढाकर 18कर दी गई है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *