श्री कमल संस्कृत विद्यालय पुरोला के प्रधानाचार्य आचार्य नौटियाल के विदाई समाहरोह में उमडा़ विदाई देने वालों का सैलाब।
– अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : रिटायरमेंट के अवसर पर उमड़ा जनसैलाब । पूर्व विधायक, एसडीएम, राजनेता , शिक्षक, बुद्धिजीवियों व छात्रों ने शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने के लिए आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल का जताया आभार । जनता के भारी दबाव के चलते रिटायरमेंट के बाद बतौर व्यवस्थापक देते रहेंगे सेवाएं।
श्री कमल संस्कृत विद्यालय के प्रधाचार्य आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल का अभूतपूर्व विदाई समारोह । रिटायरमेंट के अवसर पर उमड़ा जनसैलाब । पूर्व विधायक, एसडीएम, राजनेता , शिक्षक, बुद्धिजीवियों व छात्रों ने शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने के लिए आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल का जताया आभार । जनता के भारी दबाव के चलते रिटायरमेंट के बाद बतौर व्यवस्थापक देते रहेंगे सेवाएं।
विदाई समाहरोह कार्यक्रम का मंच सचालन आचार्य वृजेश नौटियाल ने किया।
रंवाई घाटी के साथ जौनसार बावर का एकमात्र संस्कृत शिक्षा का केंद्र पुरोला स्तिथ श्री कमल संस्कृत विद्यालय से 35 वर्ष की सेवा देने के बाद शनिवार को आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल सेवानिवृत्त हो गए । आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल के सम्मान में विद्यालय परिवार द्वारा आयोजित विदाई समारोह में पहुंच क्षेत्र के सामाजिक लोगों व जनप्रतिनिधियों ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं ।
बताते चले कि आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल खुद इसी विद्यालय के छात्र रहे हैं व बतौर प्रधानचार्य इसी विद्यालय से अध्य्यापन कार्य करते हुए 35 वर्ष सेवा देने के बाद रिटायरमेंट हुए । प्रधानाचार्य पद ग्रहण करते समय विद्यालय में मात्र 5 छात्र संख्या रह जाने के बावजूद उनकी मेहनत, ईमानदारी व लग्न से वर्तमान में कमल संस्कृत विद्यालय पुरोला संस्कृत शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बन गया ।
विदित हो कि प्राइवेट स्कूल के रूप में स्थापित हुये कमल संस्कृत विद्यालय को वर्तमान स्थायित्व देने में आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल के साथ क्षेत्र के तत्कालीन विधायक बरफिया लाल जुंवाठा,कृपाल सिंह कैडा,लायबर सिंह चौहान शूरवीर सिंह चौहान,गोविंद राम नौटियाल,तिलक चंद रावत व शोभाराम नौटियाल आदि क्षेत्र के प्रतिनिधियों के सहयोग से विद्यालय को मजबूती देने का कार्य किया । विद्यालय के लिए उपरोक्त महानुभावों के उल्लेखनीय कार्यो की बजह से वर्तमान में 250 छात्र कमल संस्कृत विद्यालय में अद्ध्ययनरत है ।
विधालय समिति अध्यक्ष राधेकृष्ण उनियाल ने कहा कि कभी दो कमरों के भवन में चलने वाली कक्षाएं वर्तमान प्रधानाचार्य नौटियाल के व्यकिगत प्रयासों से 12 कक्षाओं के भवन में संचालित होने के साथ ही क्षेत्र के जौनपुर,जौनसार,रवांई समेत दूरस्थ क्षेत्रों के 150 विधार्थी छात्रावास में रह कर अध्यययन कर रहे हैं यह नौटियाल के व्यकिगत प्रयास ही हैं कि जो आज विद्यालय की ख्याति उत्तराखंड एवं देश के कोने कोने में पहुंची है।
विदाई समाहरोह के इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येद्रं राणा,पूर्व विधायक राजकुमार,पूर्व विधायक राजेश जुंवाठा,नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी,एसडीएम बड़कोट देवानंद शर्मा,प्यारे लाल हिमानी,व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान,आचार्य शान्ति प्रसाद सेमवाल,आचार्य लोकेश बडोनी,सियाराम नौटियाल,दिवाकर जोशी,विशालमणी डोभाल,दिनेश उनियाल,सियाराम नौटियाल,भजन सम्राट रामस्वरूप थपलियाल,सुशील उनियाल,जबर सिहं पंवार,जय लाल,भुपेद्रं चौहान,जिला नियोजन समिति सदस्य विजयपाल रावत,दयाराम शास्त्री,उपेद्रं काला,सहित सेकडो़ गणमान्य मौजूद रहे।