उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय कि मुक्त एव दुरस्थ शिक्षा मे मीडिया की भूमिका पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी देहरादून मे आयोजित।
रिपोर्ट – प्रदीप सिंह असवाल
देहरादून : सभागार, यू.सी.एफ सदन, उत्तराखंड मुक्त विद्यालय परिसर देहरादून मे बुधवार 22 नवंबर को मुक्त एव दुरस्थ शिक्षा मे मीडिया की भूमिका को लेकर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड,पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी, विशिष्ट अतिथि डा0 बी.आर.गुप्ता सदस्य भारतीय प्रेस परिषद नई दिल्ली, पूर्व निदेशक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, मुख्य वक्ता सुनील आंबेकर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (प्रसिद्ध शिक्षाविद्), कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 ओम प्रकाश सिंह नेगी कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी नैनीताल द्वारा किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर बी.आर.गुप्ता, प्रो0 ओ.पी. सिंह, पूर्व निदेशक, मालवीय पत्रकारिता संस्थान, प्रो0 राजेश कुमार निर्देशक, जनसंचार स्कूल दून विश्वविद्यालय कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर पी.डी. पंत निर्देशक अकादमिक, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय संयोजक डॉ राकेश रयाल प्रभारी, जनसंपर्क अनुभाग एवं विभागाध्यक्ष, पत्रकारिता एवं मीडिया स्कूल, रवि शंकर वीडियो न्यूज़ प्रोड्यूसर प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा विचार रखे गये। संगोष्ठी मे मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा में मीडिया की भूमिका के अन्तर्गत विगत कई दशकों में समाज के साथ-साथ मीडिया के बदलते स्वरूपों पर चर्चा की गई, एजुकेशन को मीडिया से जोड़ने तथा उसका प्रयोग छात्र हित में किए जाने का उद्देश्य, दूरस्थ तथा कमजोर वर्ग के लोगों को मीडिया उच्च शिक्षा से कैसे जोड़ सकता है, दूरस्थ शिक्षा में मीडिया की सहभागिता बढ़ाने, क्षेत्रीय चैनल के माध्यम से प्रचार प्रसार, नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत शिक्षा से जुड़े हुए विभिन्न बिंदुओं, शिक्षा को दबाव से मुक्त रखने के प्रयास, मीडिया को प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयास, दूरस्थ शिक्षा के विभिन्न उद्देश्यो, मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा में सर्टिफिकेट कोर्स, दूरस्थ शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में अवगत कराया गया एवं इनमें समाज समाज हित एवं क्षेत्रीय आवश्यकता को ध्यान में रखकर नए पाठ्यक्रम जारी करने की आवश्यकता की बात कही गई। इसके साथ ही विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की स्थिति मे गिरावट को लेकर, भारत में फेक न्यूज़ के बढ़ते प्रभाव,सर्टिफिकेट कोर्सो पर लगते हुए प्रतिबंध, प्रिंट मीडिया पर नियंत्रण तथा कंट्रोल को लेकर चिंता जाहिर की गई।
संगोष्ठी मे विभिन्न विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ, आमंत्रित अतिथि, शोधार्थियों आदि सम्मिलित रहे।