पिछड़े वर्गों के प्रति दुराग्रह है कांग्रेस का सत्याग्रह – BJP प्रदेश अध्यक्ष भट्ट।

देहरादून : भाजपा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा अपने नेता के अंहकार को सही ठहराने के लिए किया जा रहा सत्याग्रह अनौचित्यपूर्ण है और यह समाज के पिछड़े वर्गों के प्रति उनके मन मे मौजूद दुराग्रह को दर्शाता है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि न्यायालय के निर्णय के खिलाफ आंदोलन साबित करता है कि कांग्रेस सत्ता में रहे या विपक्ष में संवैधानिक संस्थाओं व प्रक्रियाओं का विरोध व बदनाम करना उनके राजनैतिक चरित्र में शामिल है।

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि न्यायालय तो कांग्रेस नेता को पहले ही ओबीसी समाज के अपमान का दोषी करार दे चुका है लिहाज़ा उन्हें समर्थन में इस तरह के आंदोलन कर देश के पिछड़े समाज का और अधिक अपमानित करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरा मामला शीशे की तरह साफ है। राहुल ने एक पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया, जिस पर पूरी प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने उन्हें दोषी मानकर सजा सुनाई और उसके बाद संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त हुई है । अब जो कुछ कांग्रेस कर रही है वह विशुद्ध राजनीति व सीधे सीधे संवैधानिक प्रक्रिया का विरोध है ।

इससे बड़ा दोहरा रवैया उसका क्या हो सकता है कि जिस संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और ‘जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951’ की धारा 8 के तहत उनकी संसद सदस्यता गयी, उसके तहत उनकी पार्टी समेत सभी पार्टियों के 32 सांसद व विधायक अब तक अपनी सदस्यता खो चुके है, लेकिन कांग्रेस ने उन पर कोई बड़ा विरोध नही किया। आज इस मामले में कॉन्ग्रेस का हंगामा स्पष्ट करता है कि उसे अन्य की सदस्यता से कोई लेना देना नही, बल्कि राजपरिवार की सदस्यता से मतलब है।

अध्यक्ष भट्ट ने तंज करते हुए कहा कि कानून के साधारण जानकार भी जानते हैं कि यह पूरी कार्रवाई संविधान सम्मत है। लेकिन मुद्दाविहीन कांग्रेस इस न्यायिक एवं संवैधानिक प्रक्रिया का सड़कों पर विरोध करने को मजबूर है।

अध्यक्ष भट्ट ने संविधान बचाने के नाम पर सत्याग्रह और आंदोलन को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि देश भूला नहीं है जब दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सदस्यता रद्द करने वाले हाईकोर्ट के खिलाफ देश में आपातकाल लगाकर संविधान को बंधक बना लिया था। ठीक वही प्रयास आज राहुल गांधी की सजा और सदस्यता जाने के विरोध में आंदोलन चलाकर किया जा रहा है। मतलब साफ है कि सत्ता में रहे या विपक्ष में कांग्रेस का न्यायपलिका व संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर व बदनाम करना चरित्र बन गया है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *