मंकर संक्रान्ति पर भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी।

रिपोर्ट – अरविन्द थपलियाल

उत्तरकाशी : भारतवर्ष में मकर संक्राति को उत्साह से मनाया गया जहां भक्तों ने गंगा सागर से गंगोत्री धाम तक भारी तादात में श्रद्वालुओं की भीड़ लगी रही।
मंकर संक्राति का पर्व इस बार 15जनवरी को मनाया गया इससे पहले 14जनवरी का ही शुभलग्न रहता था लेकिन इस बार यह पर्व लग्नानुसार 14जनवरी को शुभ मुहर्त पर मकर संक्राति का पर्व मनाया गया।
उत्तरकाशी जिले में गंगा स्नान मनकर्णिका घाट पर दर्जनों देव डोलियों ने किया जहां श्रद्वालुओं ने आस्था की डुबकी गंगा भागीरथी में लगाई।
बतादें कि आज के दिन मंकर संक्राति का पर्व प्रात:7:18बजे था ऐसा विद्वान बतातें हैं।धार्मिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रान्ति के पर्व सुर्य देव स्वयं अपने पुत्र शनिदेव को मिलने जातें हैं,क्योंकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी है।
मंकर संक्राति में गंगा स्नान का बडा़ महत्व है।
आज के प्रखडं नौगांव के शिव मंदिर दारसौं में रात्री 4बजे से सुबह 7बजे तक भक्तों का तांता लगा रहा जहां श्रद्वालुओं ने माथा टेका,मान्यता है कि महा शिवरात्री के दिन व मकर संक्राति के दिन इस शिवालय पर जल चढाने का बडा़ महत्व है।
बुजुर्ग बतातें हैं कि शंकाराचार्य से निर्मित इस अंखडं शिवालय में जो निंसंतान दंपति यदि श्रद्वा से जल चढातें हैं तो संतान की प्राप्ति होती है और यहि नहीं यहां दुखीयों का दुख और मानव जाती के उपर का संकट टल जाता है ऐसा यहां के लोग बतातें हैं।
यह पौराणिक अखंड शिवालय रंवाई क्षेत्र के दारसौं गांव में है और जनपद उत्तरकाशी में इतना बडा़ प्राचिन शिवालय नहीं है।
इस प्राचिन शिव मंदिर का अभीतक कोई लिखित प्रमाण नहीं है कि यह कितने साल पुराना है इसके अलावा यहां धयेश्वर नाग देवता का भी भव्य मंदिर है जहां कफनौल,थोंलिका,हिमरोल,गैर,सिमलसारी,गन्ना सहित आसपास के दो दर्जन से अधिक गांव यहां धार्मिक पर्वों पर शिव का जलाभिषेक करतें हैं।
आपको यदि इसकी जानकारी नहीं है तो आप जब देहरादून से बर्निगाड़ पंहुचोगे तो धारी कफनौल मोटर मार्ग पर आना है और आगे तकरिवन 15किमी आगे सिमलसारी दारसौं मोटर पर आना है वहीं आपको इस पौराणिक और अखडं शिवालय के प्रत्यक्ष दर्शन हो पायेंगी और आपको यदि जानकारी चाहिये तो आप हमारे नबंर *9557025207* पर भी संपर्क कर सकतें हैं।