बजट सत्र को लेकर पूर्व CM हरीश रावत ने सरकार को घेरा।

मसूरी : एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार की मंशा बजट सत्र को लेकर स्पष्ट नहीं है और वह इसके खिलाफ पार्टी के शीर्ष नेताओं से वार्ता कर निंदा प्रस्ताव और विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सदन में पेश करने के लिए कहेंगे।
उन्होंने कहा की गैरसैंण में सत्र को लेकर किसी भी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी। गैरसैण में विधानसभा का बजट सत्र न करना विधानसभा का अपमान है साथ ही जन भावनाओं का भी अपमान है। बजट सत्र यदि गैरसैंण में नहीं हो पाता तो आगे भी कोई सत्र वहां होगा इस पर भी संशय रहेगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चंपावत चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है और पूरा तंत्र चुनाव में मुख्यमंत्री को जिताने में लगा हुआ है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी वहां पर पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है और पूरी पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई की चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजयी होंगी। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा में अवस्थाओं का बोलबाला है और यात्रियों की मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है साथ ही चिकित्सा सुविधा भी यात्रियों को नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों का पंजीकरण उन्हीं के प्रदेश से करने की व्यवस्था करे ताकि यहां आने पर व्यवस्थाएं बनी रहे। उन्होंने भू कानून को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार की मंशा सशक्त कानून को लेकर स्पष्ट नहीं है। वही विधानसभा सत्र को लेकर भी उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ छलावा कर रही है और गैरसैंण में विधानसभा सत्र कराने की बजाय देहरादून में ही विधानसभा सत्र करवा रही है। जिससे उत्तराखंड की जनता में आक्रोश बढ़ रहा है।