भगवान शंकर आश्रम मसूरी में 121 पौधों के रोपण के साथ हरेला पर्व का शुभारम्भ।


मसूरी : आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन के तत्त्वावधान में मसूरी स्थित भगवान शंकर आश्रम में आज 121 पौधों के रोपण के साथ उत्तराखंड के प्रतिष्ठित हरेला पर्व का श्रीगणेश किया गया। इस मौके पर आश्रम के प्रमुख पुष्पेंद्र कुमार आर्यम ने बताया कि हमने नयी पीढ़ी को वनस्पति जगत से अच्छे से परिचित कराने के लिए ऐसे सभी पौधे लगाने का प्रयास किया है जिनका ज्योतिष, अध्यात्म और आयुर्वेद से सीधा सम्बंध है।
प्रतिष्ठान के प्रमुख आध्यात्मिक गुरु प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम के आह्वान पर स्थानीय वन विभाग के फॉरेस्ट सेक्शन ऑफिसर शफीक अहमद के सहयोग से हरेला पर्व पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया। आज 121 पौधे रोपें गए, इस सत्र में 500 पौधे संरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड का विश्व प्रसिद्ध हरेला पर्व सावन मास से 9 दिन पूर्व मनाया जाता है। ज्ञातव्य हो कि भगवान शंकर आश्रम में पिछले पाँच वर्षों में लगभग 1100 पौधे लगाए जा चुके हैं।
आश्रम के प्रमुख आर्यम ने बताया कि हमने नयी पीढ़ी को वनस्पति जगत से अच्छे से परिचित कराने के लिए ऐसे सभी पौधे लगाने का प्रयास किया है जिनका ज्योतिष , अध्यात्म और आयुर्वेद से सीधा सम्बंध है। इस क्रम में आनंद वाटिका के नाम से एक उपवन लगभग 15 बीघा जमीन में विकसित किया जा रहा है। यहाँ पीपल,आम, ब्रह्मकमल, जलकमल, लक्ष्मीकमल, कृष्ण कमल, दोना तुलसी, बद्री तुलसी, रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, देव तुलसी, कपूर तुलसी,रुद्र तुलसी, चिरायता, भीमसेनी कपूर, कपूर खानेवाला, हिमाचली सेब, देसी सेब, सेब आखुनि, बेलपत्र, अंजीर, अफ्रीकन अंजीर, सात प्रकार के गुलाब, गुगलू, पारिजात, स्वर्ण चम्पा, बैंगनी गुडहल, तीन प्रकार की कनेर, रुद्राक्ष,बोटल ब्रश, मोर्निंग ग्लोरी, चंम्पा,चमेली, बेला, लीलोनियम, लिलीयम, बाँझ, बुरांश, बढ़, खुमानी, अखरोट, सफेद चंदन, रक्त चंदन, जटामांसी, धतूरा दो प्रकार का, दोनों प्रकार की इलायची, लेमन ग्रास, संतरा, नींबू, अनार, शमी, करिपत्ता, नीम, ज्योतिष्मती, सदाबहार, मौलश्री, मोरपंखी, हल्दी, केला, रातरानी, इत्र दोना, बादाम, नाशपाती, आदि के पौधे अच्छे से पुष्पित और पल्लवित हैं अन्य अनेक वांछित पौधे एकत्रित करके लगाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आश्रम परिक्षेत्र में पाँच हजार सात सौ पौधे और सैंकड़ों प्रकार की बेलें और वृक्ष आश्रम की स्थापना के समय से पूर्व से रक्षित हैं, जिनमें अब उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। आर्यम के अनुसार हमने जितने पेड़ पौधे लगाए हैं प्रायः सभी की अनवरत देखरेख की जा रही है।हमारा उद्देश्य बच्चों को यह बताना है कि हमारी आयुर्वेदिक धरोहर कितनी मूल्यवान है। बच्चे यह समझ सकें कि क्या कंद है क्या मूल है और क्या फल है। यही नहीं नक्षत्र वाटिका में नवग्रह से सम्बंधित पौधे भी रौंपें जा रहे हैं जिनसे बड़ी से बड़ी समस्याओं से ग्रस्त व्यक्तियों की मुक्ति सम्भव है। आश्रम का लक्ष्य आने वाले वर्षों में एक लाख पौधे लगाने का है। आज के वृक्षारोपण कार्यक्रम में माँ यामिनी श्री, दीपाली श्री, शिवम् आर्य,सुरेंद्र तथा वन विभाग के अधिकारी शफीक अहमद का सहयोग रहा। यह अभियान पूरे सावन मास तक चलता रहेगा।