चारधाम यात्रा हेतु 50 वर्ष के अधिक उम्र के श्रद्धालुओं का हेल्थ चेकअप अनिवार्य, तीर्थ यात्रियों के लिए ये दिशा-निर्देश जारी
50 स्थान पर हेल्थ एटीएम
यात्रा मार्गों पर 50 स्थान पर हेल्थ एटीएम लगाने का निर्णय लिया गया है। 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों के लिए स्वास्थ्य जांच की अनिवार्यता की जा रही है। यद्यपि, चारधाम यात्रा मार्ग पर हृदयाघात से होने वाली मृत्यु की संख्या को कम करना एक बड़ी चुनौती रहेगी। गत वर्ष यात्रा के दौरान 247 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। साथ ही चुनौती यात्रा मार्ग पर मिलावटी खाद्य पदार्थों पर रोक लगाने और ऊंची कीमतों पर खाद्य पदार्थ बेचने की शिकायतों पर नियंत्रण करने की भी होगी। प्रदेश में चारधाम यात्रा के पंजीकरण को लेकर जिस तरह का उत्साह देखा जा रहा है, उससे साफ है कि इस वर्ष यात्रा नए प्रतिमान स्थापित करेगी। गत वर्ष रिकार्ड 56 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आए थे। प्रदेश के चारधामों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने के कारण यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रखना किसी चुनौती से कम नहीं है।
यात्रा मार्ग पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का विषय हो या फिर समुचित संख्या में पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती का, ये हमेशा से ही विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती बनते हैं। यद्यपि, इस बार विभाग का दावा है कि यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतर इंतजाम किए गए हैं। गत वर्ष यात्रा मार्ग पर हुई 247 मौतों ने स्वास्थ्य व्यवस्था को आइना दिखाने का काम किया था।
50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य
स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष चारधाम यात्रा पर आने वाले वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की है। यद्यपि, आगे बढऩे से किसी को रोका नहीं जाएगा, लेकिन उन्हें आराम करने अथवा पहले सही प्रकार से उपचार करने की सलाह जरूर दी जाएगी। पंजीकरण के दौरान भी श्रद्धालुओं को अपना स्वास्थ्य संबंधी ब्यौरा देने को कहा गया है, ताकि जरूरत पडऩे पर उचित उपचार दिया जा सके।
यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग केंद्र
स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग केंद्र बनाण् हैं। इन स्क्रीनिंग केंद्र को रजिस्ट्रेशन केंद्र के साथ ही रखा गया है। इसमें श्रद्धालुओं की उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित 28 मानकों पर जांच की जाएगी।
अन्य राज्यों के चिकित्सकों से अपील
चारधाम यात्रा में उत्तराखंड के अलावा अन्य प्रदेशों के चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देने के इच्छुक रहते हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों से अपील की है कि उनके यहां से जो भी चिकित्सक यात्रा मार्ग पर अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए।
50 स्थानों पर लगाई जाएगी हेल्थ एटीएम
प्रदेश में इस वर्ष गत वर्ष की भांति ही 50 स्थानों पर हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे। शासन ने सभी जिलों के सीएमओ और सीएमएस को हेल्थ एटीएम दुरुस्त करने को कहा है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में आक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकी स्टाफ को प्रशिक्षित भी किया गया है।
स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती
प्रदेश में इस वर्ष स्वास्थ्य राहत केंद्रों की स्थिति पहले से बेहतर की गई है। यहां पर आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती की जाएगी, जो बीमार श्रद्धालुओं की इलाज में हर संभव सहायता करेंगे। स्वास्थ्य राहत केंद्रों में दवाओं का स्टाक, आक्सीजन सिलिंडर व अन्य सभी जरूरी उपकरण रखे जाएंगे।
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर विशेष फोकस
इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग ने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विशेष फोकस किया है। यहां 10 स्वास्थ्य राहत पोस्ट के साथ ही दो पीएचसी सेंटर भी स्थापित किऐ गए हैं। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर यात्रियों को हेल्थ एटीएम की सुविधा भी मिलेगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय, नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम की स्थापना की जा रही है।
तीर्थ यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने देश भर से आने वाले यात्रियों के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि जारी की है।
इसमें श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि कम से कम सात दिन के लिए चारधाम यात्रा की योजना बनाएं।
केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ते समय प्रत्येक एक से दो घंटे के बाद 5 से 10 मिनट तक विश्राम करें।
यात्रा के लिए गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर साथ में रखें।
हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से पीडि़त यात्री जरूरी दवा और डाक्टर का नंबर अपने पास रखें।
यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर या उल्टी आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा स्वास्थ्य राहत केंद्र में प्राथमिक उपचार लें।