ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्णरूप से दम तोड़ चुकी हैं स्वास्थ्य सुविधायें, डॉक्टरो के पास नहीं है कोई सुविधा।
रिपोर्ट – अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : उत्तराखडं में स्वास्थ्य सु़विधाओं के जैसे भी दावे हो रहे हों लेकिन सरकारी अस्पातालों में स्थिति बेहद खराब है।
जनपद उत्तरकाशी में ग्रामीण क्षेत्रों आयुष हो या ऐलोपेथिक ग्रामीण स्थर के अस्पातालोः पर मामूली बुखार की दवाई नहीं मिलती है।
अस्पालों की यह स्थिति है कि यदि कोई इमेरजेन्सी केस आ गया तो उसको मामूली उपचार देने के लिये कोई उपचार नहीं है जिससे वह रेफर सेटंर भेजा जाये।
आजकल वायरल बुखार का प्रकोप बढा हुआ है और लोग ईलाज के लिये दर दर भटक रहे हैं।
धारी कफनौल क्षेत्र में दो सरकारी अस्पाताल हैं दोनो सुविधाओं और डॉक्टरों का रोना रो रहे हैं।
अस्पातलों में सिंगल डाक्टर हैं और यदि यह सरकारी काम से चले गये तो यहां ताले लटके मिलतें हैं,यदि ऐसी ही सरकार की मनसा है तो आप पहाड़ विरोधी सरकारें चला रहे हैं??
धारी के कोठियाण्डा में आयुर्वेद के चिकित्साधिकारी डॉक्टर मिसकाल अंसारी अपनी जवाबदेही बखूबी निभा रहें हैं और दिन रात सेवा दे रहे हैं।
अच्छा चमचमाता हुआ भवन बना देने से कुछ नहीं होता यहां सुविधायें और व्यवस्थायें देनी पड़ती हैं।
मैं अपने युवाओं और जनप्रतिनीधियों से निवेदन करता हूं की सरकारों से अपना अधिकार मांगे नाकि फिजूल बहस करें।
आप जिस पार्टी में भी हैं और जैसी भी राजनीति करतें हैं लेकिन आपके ऐजेडें स्वास्थ्य,शिक्षा,पेयजल,सड़क,जैसे ज्वलंत मुद्दो का होना आवश्यक है ।इस तरह के मुद्दों से क्षेत्र व आपकी और हमारी पहचान और मान बढता है।
आप यदि ज्वलंत समस्याओं को छोड़कर धर्म,जाति,जैसे फिजुल बातों में उलझोगें तो पहाड़ की समस्या यूं ही बढती जायेगी और यह नीचले तबके के साथ महा अन्याय है जो अपना ईलाज देहरादून व दिल्ली नहीं करवा सकता???