थत्यूड की रामलीला मे देखते ही देखते भगवान राम के हाथो हुआ असुरो की माता ताडका का वध।

रिपोर्ट- सुनील सजवाण

नई टिहरी/थत्यूड : थत्युड रामलीला के चतुर्थ दिवस मे भगवान राम के हाथो ताडका व सुबाहु का वध मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा।
चतुर्थ दिवस पर बातौर मुख्य अतिथी पर्यावरणविद व प्रकृति प्रेमी अरूण गौड ने कहा की थत्यूड की रामलीला हमारी संस्कृति व सभ्यता की धरोहर है जिसे रामलीला धार्मिक सांस्कृतिक व सामाजिक समिती ने संजोग कर रखा है।
वंही रामलीला मंचन मे गुरु विश्वामित्र अपने आश्रम के आस पास राक्षसो के कुंठित व्यवहार से तंग आकर अयोध्या से राम व लक्ष्मण को महाराज दशरथ की आज्ञा लेकर वन मे अपने आश्रम मे लेकर आते है जंहा भगवान राम असुरो की माता ताडका का वध करते हैं और दूसरे दृष्य मे सुबाहु का वध करके मारीच का तारण करते है।
उधर जनक पुरी मे विशाल शिव धनुष को मॉ सीता उठा कर एक छोर से दूसरे छोर पर रखती है जिसे देख महाराज जनक मॉ जानकी सीता के स्वंयवर की घोषणा करते हैं कि जो शिव धनुष पर प्रत्यजां चडाएगा उसके साथ सीता का विवाह होगा।
जब सुचना विश्वामित्र के आश्रम तक पंहुंचती है तो राम लक्ष्मण स्वयंवर मे जाने का निवेदन गुरु विश्वामित्र से करते हैं।

गुरुविश्वामित्र जी के साथ आश्रम मे प्रभु राम व लक्ष्मण।

रामलीला मंचन मे राम का अभिनय मनोज भट्ट , लक्ष्मण प्रवीन पंवार , सीता आशिष जोशी,दशरथ राम प्रकाश भट्ट, ताडका मुनिम प्रधान ने किया।
वंही रामलीला समिती के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, सचिव सुनील सजवाण संगीतज्ञ शांती प्रसाद चमोली, आदित्य चमोली, हरि लाल, दीपक सकलानी, सन्दीप राणा, हरिश नौटियाल, गुरु प्रसाद नौटियाल, शिवांश सजवाण, राजेन्द्र पुण्डीर, ओम प्रकाश गौड, देवांश सजवाण आदी मौजूद थे।

ताडका से युद्ध करते प्रभु राम।

एस सजवाण प्रोडक्शन फेसबुक पेज पर लाईव ( सीधा प्रसारण) के माध्यम से भी पुरे देश भर के लोग रामलीला की बहुत अच्छी संख्या मे देख रहे है व रामलीला मंचन की सराहना भी कर रहे हैं।
इस पुरी रामलीला मंचन मे मंच का संचालन प्रसिद्ध मंच संचालक सुनील सजवाण कर रहे हैं।

 

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