पर्यटन नगरी में विभिन्न संस्थाओं ने योग अभ्यास कर योग दिवस धूमधाम से मनाया।

मसूरी : पहाड़ों की रानी मसूरी भले ही पर्यटन नगरी हो लेकिन योग दिवस पर यहां विभिन्न संस्थाओं, स्कूलों, विभागों ने योग कर इसे योग नगरी बना दिया। योग भगाये रोग को पूरे विश्व में नई पहचान मिल रही है और अब आम नागरिक इसकी महत्ता को समझने लगे हैं यही कारण है कि अब लोग स्वस्थ्य रहने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं।

एलआईसी भवन में एलआईसी व वरिष्ठ नागरिक समिति के तत्वाधान में स्कूली बच्चों के साथ योग किया गया। वरिष्ठ नागरिक संगठन के योगाचार्य मनोज कुमार ने विश्व योग दिवस पर योग करवाया व विभिन्न योग क्रियाओं से होने वाले लाभ के बारे में बताया। इस मौके पर वरिष्ठ नागरिक समिति के महासचिव नरेंद्र साहनी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने वर्ष 2014 में यूएनओ में दिए संबोधन में योग को 21 जून को मनाने का प्रस्ताव रखा था जिस पर यूएनओ ने इसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दियाव पूरे विश्व ने इसे अपनाना शुरू कर दिया व स्वस्थ्य जीवन शैली की तरफ कदम अग्रसर किए।

इस मौके पर एलआईसी शाखा प्रबंधक समर्थ अग्रवाल ने बच्चों व वरिष्ठोंकोयोग प्रतिदिन करने की सलाह दी। इस मौके पर कैलाश चंद्र डबराल, एमएम शर्मा, अरविंद, विजय वाही, रजनी एकांत, डा. सतीश एकांत आदि मौजूद रहे।

साथ ही महात्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु विद्यामंदिर इंटर कॉलेज मसूरी के सभागार में विश्व योग दिवस धूमधाम से मनाया गया। प्रधानाचार्य मनोज रयाल व प्रबंध समिति के सदस्यों ने मां शादरा के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्चन किया व सभी छात्र छात्राआं सहित शिक्षकों ने सामूहिक योगाभ्यास किया वहीं अलग अलग सदनों ने योग प्रदर्शन कर प्रतियोंगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में वीर चंद्र सिंह गढवाली सदन ने पहला स्थान प्राप्त किया। विद्यालय के प्राचार्य ने सभी प्रतिभागियोंको पुरस्कार प्रदान किए।
गुरु नानक स्कूल ने मनाया योग दिवस मनाया। फोटो 3
मसूरी। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरु नानक फिफ्थ सैंटनरी स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में योग दिवस के आठवें संस्करण में 21 जून को योग दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन खेल प्रशिक्षक शिवपाल एवं सोमकुमार के द्वारा किया गया। मालूम हो कि पांचवीं शताब्दी में पतंजलि ने शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए योग विद्या करना आरंभ किया। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में योग के महत्व को समझना अनिवार्य है। इस अवसर पर विद्यालय में प्रातः काल नियमित व्यायाम के अलावा सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों ने प्राणायाम व विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल तिवारी ने योग के महत्व को समझाते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा की अमूल्य धरोहर है। योग साधना ईश्वर प्राप्ति का बड़ा ही सरल व सुगम माध्यम है। योग जीवन जीने की अनोखी कला है। योग करने से रोग का मूल कारण ही नष्ट हो जाता है। भारतीय संस्कृति में तो योग के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त किया है। योग एक प्रकार का जीवन दर्शन है जो मानव के लिए अध्यात्म का द्वार खोल मनुष्य को ईश्वर की ओर ले जाता है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी सुनील बक्शी, मुख्याध्यापक कुलदीप सिंह त्यागी व सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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