रिपोर्ट- सुनील सजवाण
नई टिहरी/थत्यूड : मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार की दिव्य लीला के साथ पौराणिक समय से सांस्कृतिक व धार्मिक सभ्यता के प्रतिक थत्यूड की रामलीला का शुभारम्भ व्यापार मण्डल थत्यूड के अध्यक्ष अकबीर पंवार ने दीप प्रज्वलन कर किया।
प्रथम दिवस मे थत्यूड की रामलीला मे मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार अपने अंधे माता व पिता के साथ यात्रा पर जाते हैं जंहा माता पिता द्वारा प्यास लगने पर श्रवण कुमार को जल लेने भेजा जाता है और वंही भूल वश अयोध्या नरेश दशरण के शब्द भेदी बाण लगने के कारण श्रवण कुमार की मृत्यु हो जाती है जल लेकर महाराज दशरथ जब श्रवण कुमार के माता पिता के पास जाते है तो पुत्र की मृत्यु की खबर सुनकर श्रवण के माता पिता महाराज दशरथ को शॉप देते हैं कि जैसे वो पुत्र वियोग मे प्राण त्याग रहे है भविष्य मे वैसे ही महाराज दशरथ पुत्र वियोग मे प्राण त्यागेगें। इसके बाद अगले दृश्य मे लंका पति राजा रावण उसके भाई कुंभकरण व विभीषण भगवान ब्रहमा की तपस्या करते हैं व इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रहमदेव तीनो को उनकी इच्छा अनुसार वरदान देते है जिसमे रावण यश वृद्धी के साथ अमरता का वरदान मांगता है कुंभकरण छः महिने सोने व छः महिने खाने व जागने का वरदान मांगता है वंही विभीषण राम भक्ति का वरदान मांगता है।
तीसरे दृष्य मे नारद मुनि लंका मे जाकर रावण को कहते हैं कि इस लंका मे सब कुछ है किन्तु यदी कैलाश पर्वत इस लंका मे हो जाए तो सोने पे सुहागा और रावण कैलाश पर्वत को उठाने निकल पडता है वंहा कैलाश पर मॉ पावर्ती व शिव भोले नाथ की वार्ता व रावण के अभिमान का अंत भगवान शिव करते हैं।
चौथे दृष्य मे रावण अपने दुतो को कर लेने के लिए लंका के साम्राज्य मे भेजता है जंहा दूत कर लेते लेते जंगलो मे यज्ञ व साधना कर रहे साधुओ से कर मांगते है और कर मे देने के लिए कुछ न होने पर उनका रक्त ले आते है जिस पर साधु श्राप देते है कि इस रक्त से रावण का सर्वनाश होगा उधर जब रावण को पता चलता है तो वह रक्त से भरे घडे को मिथिला पुरी की और पृथ्वी मे अपने दुतो से गाडने को कहता है।
लीला मंचन मे दशरथ का अभिनय राम प्रकाश भट्, श्रवण कुमार मनोज भट्ट, सुमन्त दीपक सकलानी, नारद मुनि मुनिम प्रधान , रावण सन्दीप शाह, कुंभकरण गजेन्द्र असवाल आदी ने किया।
इस रामलीला मंचन मे मुख्य अतिथी व्यापार मण्डल अध्यक्ष अकबीर पंवार , अरविन्द पंवार, गोविन्द सिंह नेगी, अजय भास्कर आदी मौजूद रहे।
वहीं रामलीला समिती से अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, सचिव सुनील सजवाण, संगीत शांती प्रसाद चमोली, संदीप राणा, हरि लाल, हरिश नौटियाल शिवांश सजवाण, जय प्रकाश नौटियाल आदी मौजूद थे।
रामलीला मंचन का सीधा प्रसारण एस सजवाण प्रोडक्शन डिजिटल चेनल पर भी किया जा रहा है जिसमे उत्तराखण्ड से बाहर के हजारो दर्शक रामलीला मंचन के दर्शन कर मंचन की सराहना कर रहे हैं।
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