मसूरी – होटल वर्कर्स यूनियन का 54वां सम्मेलन, श्रमिकों की मांगे पूरी न करने पर आंदोलन की दी चेतावनी।


मसूरी : होटल वर्कर्स यूनियन देहरादून एवं मसूरी का 54वां वार्षिक राज्य सम्मेलन श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा के साथ संपन्न हो गया। सम्मेलन में वक्ताओं ने प्रदेश व केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों पर जमकर प्रहार किया। व श्रमिकों की मांगे पूरी न होने पर आंदोलन चलाने की चेतावनी दी।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता अध्यक्ष ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन उत्तराखंड एमएस त्यागी ने कहाकि प्रदेश व केंद्र सरकार मजदूर विरोधी कदम उठा रही है। तथा सार्वजनिक उद्यमों को समाप्त करने के साथ ही ठेका प्रथा पर कार्य करवा कर मजदूरों का अहित कर रही है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि अभी तक काम के घंटे तक होटलों में तय नहीं हैं। न्यूनतम वेतन अभी तक लागू नहीं किया गया है। श्रमिकों को छुटियां, ग्रेचुएटी व फंड आदि सरकारी नियमों के अनुसार लागू किया जाय। उन्होंने कहा कि अगर श्रमिकों की मांगों को अनदेखा किया गया तो आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के कारण श्रामिकों में लगातार आक्रोश बढ रहा है। मंहगाई लगातार बढ रही है वहीं वेतन में कोई बढोत्तरी नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि सरकार गुजरात मॉडल से देश को चलाना चाह रही है व देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है जिससे देश में भय का माहौल बन रहा है।
इस मौके पर होटल वर्कर्स यूनियन मसूरी के अध्यक्ष आरपी बडोनी ने कहा कि देश के मजदूरों ने कोरोना में दो साल तक मार झेली है, देश के करोड़ो श्रामिकों को परेशानी उठानी पड़ी। यहीं हाल मसूरी का है जहां श्रमिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है और श्रम विभाग होटल स्वामियों के साथ मिला है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को न ही न्यूनतम वेतन मिल रहा है न ईएसआई कट रहा है। वहीं वार्षिक व साप्ताहिक अवकाश नहीं दे रहे, कर्मचारियों से 12 घंटे कार्य लिया जा रहा है। जबकि श्रम कानून में साफ लिखा है कि श्रमिकों को श्रम कानून के अनुसार चलायें। ऋषिकेश के वंनतरा रिजोर्ट में जो हुआ भविष्य में मसूरी में भी हो सकता है। अगर इसके बाद भी होटल स्वामी नहीं माने तो आंदोलन किया जायेगा व उनसे छीन कर अपना हक लिया जायेगा। किसी भी होटल को चलने नहीं देंगे, व किसानों के आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन चलायेंगे व मालिकों को श्रम अधिकार दिलाने का प्रयास किया जायेगा। सम्मेलन में श्रमिकों को 24 हजार न्यूनतम वेतन देने, अवैधानिक छंटनी पर रोक लगाने, मसूरी के समस्त होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, कैफे, होमस्टे, में एक सेे अधिक श्रमिक जहां कार्यरत हैं वहां ईएसआई लागू करने, मसूरी में ठेका प्रथा पर रोक लगाने, मसूरी के समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों से आठ घंटे कार्य करवाने, के साथ ही वार्षिक अवकाश, 15 दिनों की आपातकालीन अवकाश, त्योहारों में 10 दिनों का अवकाश, लागू करने, व 52 साप्ताहिक अवकाश लागू करने का प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा जायेगा। व मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी जायेगी। सम्मेलन को राज्य सविच एटक अशोक शर्मा, जिला सचिव अनिल उनियाल, धर्मानंद भटट, एमएस वर्मा, आदि ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर होटल वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष, सोबत रावत, महासचिवत पूरण सिंह नेगी, विरेंद्र रावत, विजय बिंदवाल, धनवीर कंडारी, मुकेश केमवाल, मुकेश सजवाण, संजय गुसांई, गफूर खान, असलम खान, राजेश, कमल भंडारी, मजदूर संघ के सचिव देवी गोदियाल, सहित बड़ी संख्या में होटल श्रमिक मौजूद रहे।