मसूरी – दीक्षांत समारोह के बाद 38 सहायक सेनानी चिकित्साधिकारी ITBP की मुख्यधारा में शामिल।

मसूरी : आईटीबीपी अकादमी परेड ग्राउंड में आयोजित दीक्षांत समारोंह में भव्य परेड के बाद 38 सहायक सेनानी चिकित्साधिकारी बल की मुख्य धारा हिमवीरों में शामिल हो गये। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि महानिदेशक संजय  अरोड़ा ने कहा कि हमें गर्व है कि डीपीआरएनडी आईटीबीपी को 2016 -17 के अधिकारी प्रशिक्षण की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण का अवार्ड मिला है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी सीमाओं सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी निभा रहा है।

आईटीबीपी परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि महानिदेशक आईटीबीपी संजय अरोड़ा ने परेड का निरीक्षण करने के बाद  सलामी ली व 24 सप्ताह के कठिन एवं कठोर प्रशिक्षण के बाद 38 युवा डॉक्टर सहायक कमांडेंट चिकित्सा अधिकारी के रूप में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्यधारा में शामिल हो गये। बल के ब्रास बैंड के साथ भव्य पासिंग आउट परेड की सलामी मुख्य अतिथि ने ली व उसके बाद प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज एवं बल ध्वज के नीचे शपथ ग्रहण की और खुद को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। कठिन प्रशिक्षण के दौरान इन अधिकारियों को विभिन्न सैन्य और पुलिस से संबंधित विषयों युद्ध-कौशल, हथियार  प्रशिक्षण, शारीरिक प्रशिक्षण, सूचना, फील्ड इंजीनियरिंग, मानचित्र अध्ययन, सैन्य प्रशासन कानून और मानवाधिकर में प्रशिक्षित किया गया। मालूम हो कि कि प्रशिक्षण के बीच में इन चिकित्सा अधिकारियों को सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर, नई दिल्ली में कोविड-19 ड्यूटी के लिए भी तैनात किया गया था। इन चिकित्सा अधिकारियों ने उस कठिन समय में अथक परिश्रम किया है, और अत्यधिक तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने का बहुमूल्य अनुभव प्राप्त कर वापिस अकादमी में अपना शेष प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए लौटे। इस उत्कृष्ठ सेवा के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों को महानिदेशक के प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया है, जो कि स्वतः ही स्वयं के लिए गौरवान्वित करने का पुरस्कार है। नव सैन्य अधिकारियों को सम्बंधित करते हुए मुख्य अतिथि महानिदेशक संजय अरोड़ा ने प्रशिक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को विशेष रूप से बधाई दी जिन्होंने इन्हें देश सेवा के लिए तैयार किया है। वहीं उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्साधिकारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में तैनात बल के जवानों व अधिकारियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना आपकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंनेे कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में विपरीत मौसम के दौरान जवानों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना व जरूरत पड़ने पर उनका उपचार करने का दायित्व है जिसे मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार होकर अपने दायित्वों का निर्वहन करने को तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी का इतिहास गौरवमयी रहा है तथा आगे और सुनहरा होने वाला है। बल व देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने विभिन्न विषयों में सर्वश्रेष्ठ चुने गए प्रशिक्षु अधिकारी को भी बधाई दी और उन्हें विजेता ट्राफियों से सम्मानित किया। इससे पूर्व अकादमी के निदेशक महानिरीक्षक नीलाभ किशोर ने दीक्षांत समारोह में आये बल के अधिकारियों, सेवा निवृत्त अधिकारियों व अतिथियों. का स्वागत एवं अभिनंदन किया। अपने संबोधन में महानिरीक्षक नीलाभ किशोर ने कहा कि भातिसीपु अकादमी, में यहां के कुशल प्रशिक्षको के सहयोग से प्रशिक्षुओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया। उन्होंने मुख्य अतिथि को आश्वासन दिया कि इन युवा अधिकारियों को गहनता एवं निष्ठापूर्वक प्रशिक्षित किया गया है और आज की पासिंग आउट परेड के बाद ये युवा अधिकारी जहां भी तैनात होंगे, अपनी सर्वश्रेष्ठ और निस्वार्थ सेवा देने योग्य हैं। अंत में अकादमी के उप निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राम निवास ने परेड में उपस्थित होने के लिए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और नए अधिकारियों का मनोबल बढ़ाया। इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए सभी अतिथियों और प्रशिक्षुओं के माता-पिता को धन्यवाद किया। इसके अलावा, उन्होंने इस आधार प्रशिक्षण कोर्स के दौरान इन उत्तीर्ण अधिकारियों को दिए गए प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी प्रकाश डाला और प्रशिक्षण के स्तर को हमेशा की तरह उच्च रखने के लिए अकादमी की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु डा. विशाल चौधरी को ओवर ऑल बेस्ट ट्रेनी, बेस्ट इंडोर व बेस्ट आउटडोर टेªनी का पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर सहायक महानिदेशक मनोज रावत, सेनानी प्रशासन शोभन सिंह राणा, पूर्व आईजी मनोरंजन त्रिपाठी सहित बल के अधिकारी व जवान मौजूद रहे।


ITBP के पासिंग आउट परेड में  बल की मुख्यधारा से जुडने वाले इस बैच में केरल राज्य से 07, आंध्र प्रदेश के 06, पंजाब के 06, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 03-03, हरियाणा के 02, दिल्ली के 02 और झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू एवं कश्मीर, तमिलनाडू, बिहार एव मध्य प्रदेश के 01-01 चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। नव नियुक्त 38 अधिकारियों में 14 महिला व 24 पुरूष सहायक सेनानी हैं।

आईटीबीपी में बतौर चिकित्सक शामिल होने वाले सहायक सेनानी पंजाब के लुधियाना के रहने वाले डा. सागरदीप ग्रेवाल ने बताया : आज का दिन मेरे लिए गर्व का है। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार पुश्तैनी तौर पर भारतीय सेना में रहा है और इसी कडी में मैने आईटीबीपी ज्वाइन की है। उन्होंने कहा कि सैनिक परिवार से जुड़े होने के कारण हमारा कर्तव्य रहता है कि सभी सेना में सेवा देकर देश की सेवा करें। उन्होंने कहाकि हमारा परिवार पिछली पांच पीढ़ियों से सेना में है जिसमें पिता के परिजन हो या माता के परिजन सभी ने सेना में सेवाएं दी है। हमारे परिवार देश के लिए लहू बहाना हमारे खून में है। उन्होंनेे कहा कि आईटीबीपी में शामिल होने पर मेरे पिता ने आज मुझे पांच पीढ़ियों के मैडल भेंट किए जिन्हें मैने लगाया हुआ है। जिसमें प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध सहित अनेक मैडल हैं। इस मौके पर डॉ. सागर दीप ग्रेवाल के पिता रिटा, कर्नल ग्रेवाल ने बताया कि उनका परिवार पांच पीढ़ी से सेना में सेवाएं देकर देश की सुरक्षा कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा परिवार 1896 से सेना में है। मेरे पिता को 1965 व 1971 में एवार्ड मिले, मेरे दादा को मिले और जो मुझे कर्नल के पद पर रहते हुए विशिष्ट सेवा मेडल मिले उसे मैने आज अपने बेटे को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार में पिता व माता पक्ष के सभी सेना के परिवार से हैं जिन बेटियों की शादियां हुई वह भी सेना के परिवार से हैं और जो आने वाले समय में बहु आयेगी वह भी सेना के परिवार से होगी।


उत्तराखंड पुलिस के आईजी पुष्पक कुमार ज्योति के पुत्र ने भी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा पूरा परिवार वर्दीधारी है। जिसमें मै पुलिस में सेवा दे रहा हूं, लड़का आईटीबीपी व दामाद सेना में मेजर है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि देश की असली सेवा वर्दी से होती है, देश सेवा का इससे अच्छा कोई दूसरा माध्यम नहीं है। इसलिए युवा वर्दी की ओर आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि इससे सम्मान मिलता है, शोहरत मिलती है और सबसे बड़ा देश सेवा का अवसर मिलता है क्यों कि देश है तो हम हैं।

बल में शामिल हुए राय पुर छत्तीसगढ की निवासी चिकित्साधिकारी डॉ. परमजीत कौर ने कहा : डॉक्टर होने के नाते आईटीबीपी में आना गौरव की बात है क्योंकि जो समाज में सामान्य लोगों की सेवा करना अलग है लेकिन जो जवान व अधिकारी देश की सेवा कर रहे है उनकी सेवा करने का अवसर मिला है। जिससे बहुत खुश हूं और मेरी माता पिता का सपना भी था जो आज पूरा हो गया मेरे पास शब्द नहीं है कि मै अपने को कितनी भाग्यशाली समझ रही हूं।

देहरादून निवासी डॉ. ऋषभ पाल ने कहा : मेरे माता पिता की मेहनत से आज यहां तक पहुंचा हूं, जो मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि मै बहुत खुश हूं कि जो कल तक एक डॉक्टर था आज वह ऑफिसर भी है।

देहरादून के ही डॉ. आधिरथ ने कहा : वह आज बहुत खुश हैं क्यों कि बचपन का सपना पूरा हुआ है और इसमें मेरी बहन ने बहुत प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता भी वर्दीधारी थे और आज मैं भी वर्दीधारी बन गया हूं। 

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