मसूरी – SDM ने विभागों के कार्याें की समीक्षा बैठक ली व आवश्यक दिए निर्देश।
मसूरी : एसडीएम नरेश चंद्र दुर्गापाल ने पर्यटन से जुड़े विभिन्न विभागों पेयजल, नगर पालिका, मजदूर संघ, के कार्याें को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की व मुख्यतः पेयजल निर्माण निगम के द्वारा कार्य में बरती जा रही लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की।
एसडीएम नरेश चंद्र दुर्गापाल ने पेेयजल निगम अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए कि शीघ्र ही पहले उन संपर्क मार्गों की मरम्मत की जाय जहां जनता को परेशानी हो रही है। लेकिन जिन स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही अधिक है वहां पर सीजन के बाद कार्य किया जाय। बैठक में नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि पेयजल निगम या लोकनिर्माण विभाग जिन सड़कों की मरम्मत नहीं कर पा रहा है उसके लिए सुझाव दिया कि जितनी रोड खोदी गई है उसका मेजरमेंट निकाल कर वह उस रोड पर पैच न लगा कर मेजरमेंट तक पूरी बनाये बाकी पालिका बना देगी ताकि रोड साफ सुथरी लगे। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने भी कई सुझाव दिए ताकि जब उन क्षेत्रों में कार्य किया जाय तो पहले ही उसका प्लान बना लिया जाय ताकि बाद में परेशानी न हो। इसके लिए सभी विभागों के साथ तालमेल बनाया जाय। बैठक के बाद एसडीएम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूर्व में की गई बैठकों व विभागों को दिए गये कार्यांें की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई गई है जिसमें पेयजल, नगर पालिका, जल संस्थान, विद्युत पुलिस, प्रशासन, मजदूर संघ, केबल व दूर संचार विभाग आदि शामिल थे।जिन्हें टास्क दिया गया था व जो कार्य पूरे हो चुके हैं उनपर चर्चा के साथ ही जो नही हुए उनके कारणों के बारे में जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि पेयजल निगम का कार्य कई कार्यदायी संस्थाएं कर रही हैं ऐसे में एक्शन को कहा गया कि शीघ्र इन कार्यों को पूरा किया जाय। बैठक में रिक्शाओं के बारे मेें भी चर्चा की गई जिसमें कहा गया कि अभी वर्तमान में 121 रिक्शा चल रहे हैं ऐसे में जो रिक्शा वाले रिक्शा नहीं चलाना चाहते, या बुजुर्ग हो गये हैं उनके विस्थापन पर चर्चा की गई। एसडीएम ने बताया कि बैठक में मुख्यतः मालरोड के सौदर्यीकरण को लेकर भी चर्चा की गई जो पुराने पोल थे उन्हें हटवाया गया है, जो बिजली के खंबों पर केबल आदि की तारें है इसको हटाने के लिए कहा गया है, मालरोड पर जो अनावश्यक चीजंे बनी है उन्हें हटाने को कहा गया है। शहर के अंदर जो शौचालय बने थे जो ठीक नहीं है उनके लिए एमडीडीए या व्यापार संघ को दिए जाने पर चर्चा की गई। मजदूर संघ के सचिव देवी गोदियाल का कहना है कि रिक्शा चालकों के रोजगार का यही साधन है अगर इसमें कमी करनी है तो उन्हें रोजगार के बदले रोजगार दिया जाय। इसके लिए ठोस नीति बने व मजदूरों के विस्थापन की व्यवस्था की जाय। एक मुस्त मुआवजा लेने पर कोई तैयार नही होगा। वहीं पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि इसके लिए पालिका में मजदूर संघ के साथ बैठक की जायेगी जिसमें इस पर चर्चा की जायेगी व विस्थापन किस तरह से हो तय किया जायेगा। एसडीएम दुर्गापाल ने कहा कि जो रिक्शा नहीं चलाना चाहते उन्हें एक मुस्त मुआवजा दिया जाय ताकि वह उससे अपना दूसरा रोजगार शुरू कर सकें, या पालिका उन्हें दुकाने बना कर दे। ताकि मालरोड पर रिक्शा की संख्या कम हो व उन्हें तरीके से संचालन करने की व्यवस्था की जा सके। वहीं एसडीएम ने कहा कि मसूरी होकर केम्पटी जाने वाले बड़े वाहनों को वापस नहीं आने दिया जायेगा उन्हें यमुना पुल होते हुए वापस भेजा जायेगा इस व्यवस्था को शीघ्र शुरू किया जायेगा।
बैठक में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी यूके तिवाड़ी, अधिशासी अभियंता पेयजल, संदीप कश्यप, विनोद रतूड़ी, पालिका सभासद जसबीर कौर, पंकज खत्री, नंदलाल सोनकर, अरविंद सेमवाल, मजदूर संघ अध्यक्ष रणजीत चौहान, नगर पालिका स्वास्थ्य अधिकारी डा. आभास सिंह, सतीश ढौडियाल सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।