मसूरी – सुरमणि अग्नि वर्मा ने सितार बजा पर्यटकों को किया मंत्रमुग्ध।

मसूरी : विश्व रिकार्डधारी व लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करने वाले  सितार वादक सुरमणि अग्नि वर्मा ने जेपी होटल में अपने सितार वादन से पर्यटकों का दिल जीता व मंत्रमुग्ध कर दिया।

पांच सितारा जेपी होटल में सितार वादक अग्नि वर्मा नाइट का आयोजन किया गया। जिसमें साठ घंटे लगातार सितार वादन करने वाले सितार वादक अग्नि वर्मा ने जैसे ही अपने सितार पर तार छेड़े तो पर्यटकों ने उनकी कला को सलाम किया। उन्होंने इस मौके पर पहाड़ी, फिल्मी व शास्त्रीय गीत सितार पर बजा कर पर्यटक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने ख्याति प्राप्त तबला वादक गायकवाड़ के तबले की थाप पर हिमाचली गीत माइये मेरी शिमले दी राहें चंबा कितनी दूर, कोरा कागज स मन मेरा, सागर किनारे, जैसा मैने सोचा था, इशारों इशारों में, मेरा दिल कितना पागल है, मेरे साजन, कहीं दिन ढल जाये, लागा चुनरी में दाग, ये प्यार का नगमा है, सहित उत्तराखंडी गीत बेडू पाको बारा मासा आदि गीतों पर जब सितार बजाया तो श्रोता स्तब्ध रह गये व उनके सितार वादन में खो गये। इस मौके पर ख्याति प्राप्त व रिकार्डधारी सितार वादक सुरमणि अग्नि वर्मा ने कहा कि उन्होंने साठ घंटे का लगातार सितार बजाने का रिकार्ड बनाया था वहीं लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी नाम दर्ज है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि मेरी कर्मभूमि है और यहां रहकर बहुत कुछ सीखा व जो इस देवभूमि ने ख्याति दिलाई उसका मै सदा ऋणि रहूंगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में उन्होंने सेमी शास्त्रीय सितार वादन के साथ ही फिल्मी, हिमाचली व उत्तराखंडी गीतों को सितार वादन के माध्यम से प्रस्तुत किया है वहीं तबले व सितार की जुगलबंदी भी की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक न्यूजीलैंड, मोरक्को, इजिप्ट, श्रीलंका, दुबई सहित अन्य देशों में प्रस्तुति दी है व आगामी सितंबर माह में अमेरिका के मिसी सिपी तीन माह के लिए जाना है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष कोरोना काल में जहां आर्थिक नुकसान हुआ लेकिन इस काल में घर में रियाज कर बहुत सीखने को मिला जिससे कला में और निखार आया।

इस अवसर पर जेपी होटल के वीपी अनिल शर्मा ने कहा कि कोविड के बाद एक बार फिर पर्यटन अपने चरम पर जायेगा जिसकी तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में ख्याति प्राप्त सितार वादक अग्नि वर्मा का सितार वादन रखा गया क्यों कि इस मौके पर बड़ी संख्या में इडिव्यूजल ट्रेवलर्स आये हैं और हमारी नोबेल मार्केट है जिसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि से आते है। तथा पर्यटकों के लिए कुछ न कुछ नया मनोरंजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां का गढवाली खाना काफी पंसंद है और इसके साथ ही पर्यटकों को गढवाली नृत्य संगीत आदि से भी परिचित कराया जाता है। इन दिनों आने वाले पर्यटन सीजन की तैयारियां की जा रही है। इस मौके पर बड़ी संख्या में देश विदेश के पर्यटकों ने संगीत का आनंद लिया।

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