मसूरी – सीट नहीं मिली तो ग्रामीण महिलाओं ने जमीन पर बैठ कर देखी “द कश्मीर फाइल्स”।

मसूरी : मिथुन चक्रवर्ती और अनुपम खेर अभिनीत तथा विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म द कश्मीर फाइल्स को देखने क्यारकुली की ग्रामीण महिलाएं ग्राम प्रधान कौशल्या रावत के साथ आयी व फिल्म देखते समय कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार से भावुक हो गई। वहीं बीच बीच में भारत माता की जय के नारे भी लगाते रहे।


कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स की चर्चा सुनकर ग्राम भटटा क्याकुली की करीब 120 महिलाआंे को लेकर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत फिल्म देखने आयी। फिल्म देखते समय कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार देख महिलाओं के आंखों में आंसू आ गये तथा उत्तेजित हो गई। ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि इस फिल्म को देखकर पता चला कि कश्मीर में किस तरह आतंकवादियों ने हिंदू कश्मीरी पंड़ितों का उत्पीड़न किया व उनके साथ किस तरह की वीभत्स घटनाएं की। फिल्म के दौरान सिनेमा हाल में भारत माता की जय के नारे लगते रहे। ग्रामीण महिलाओं के साथ भाजपा मसूरी मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने भी फिल्म देखी व कहा कि आज तक जिस कश्मीर को छिपाया गया उसे अब बाहर लाया गया है व देश वासियों को अब पता लगा कि किस तरह से कश्मीर में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार किए। यह फिल्म हर भारतीय को देखनी चाहिए ताकि वह समझ सकें कि किस तरह से वहां पर आतंक का माहौल था लेकिन अब केंद्र सरकार ने धारा 370 व 35ए हटा दी है व आने वाले समय में वहां पर कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास होगा व शांति कायम होगी। फिल्म समाप्त होने पर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म की चर्चा होने पर उन्हांेने अपने ग्राम सभा की महिलाओं को निमंत्रण दिया व करीब 120 महिलाएं फिल्म देखने आयी व सिनेमा घर का हाउस फुल होने पर महिलाओं ने सीट न मिलने पर हाल की सीढ़ियों पर बैठ कर फिल्म देखी। उन्होंने बताया कि इस फिल्म को दिखाने के लिए उन्होंने अपने ग्राम प्रधान के वेतन से भुगतान किया। ताकि सभी महिलाएं इस चर्चित फिल्म को देख सकें। उन्होंने कहा कि 30 साल पहले कश्मीर में जिस तरह से महिलाओं के साथ बर्बरता हुई व यह सच छिपाया गया वह बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कश्मीरी पंडितों की कश्मीर में पुनः वापसी होगी साथ ही जिस प्रकार से महिलाएं सशक्त हुई हैं वहां प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में धारा 370 हट गई है इससे अब वहां पर शांति लौटेगी व कश्मीरी पंडित वापस जायेंगे। ग्रामीण महिला ज्योति जिन्होंने इस फिल्म में छोटा सा अभिनय किया उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि वहां इतना अत्याचार हुआ है यहां तक कि कश्मीरी पंडितों का राशन भी नहीं दिया जाता था। वहीं ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता राकेश रावत ने कहा कि यह हमारे भारत का इतिहास है जिसे छिपाया गया और इसे महिलाओं को अवश्य दिखाना चाहिए इस लिए सामूहिक रूप से पूरी ग्राम पंचायत की महिलाओं को यह फिल्म दिखाई गई। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने आज तक थिएटर नहीं देखा उन्होंने भी द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखी। मालूम हो कि फिल्म की अधिकांश शूटिंग मसूरी व आसपास के क्षेत्रों में फिल्माई गई है और लाइब्रेरी चौक को लाल चौक दर्शाया गया है यह फिल्म भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सराही जा रही है। यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए ताकि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बर्बरता को समझा जा सके फिल्म देखने के दौरान कई महिलाओं की आंखों में आंसू भी आ गए और सभी महिलाएं भावुक हो गई। द रिटज सिनेमा के प्रबंधक अरूण पाल ने बताया कि इस फिल्म को देखने मसूरी में बड़ी संख्या में पर्यटक व स्थानीय नागरिक आ रहे हैं इससे पहले कभी इतनी संख्या में फिल्म देखने कभी नहीं आये लगातार हाउस फुल चल रहा है वहीं राज्य सरकार ने इसे टेक्स फ्री किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें कार्य करते हुए पांच साल हो गये जिसमें पहली बार इस फिल्म को देखने बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं तथा दो दो शो चलाये व हाउस फुल रहे।

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