मसूरी झील के पानी को लेकर बैठक का आयोजन।

मसूरी : मसूरी झील स्थित पानी के स्रोत से पानी के दोहन को लेकर उप जिलाधिकारी कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड जल संस्थान और स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श किया गया। उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मसूरी झील से पानी की सप्लाई को लेकर भी वार्ता की गई। वहीं एनजीटी के अधिकारियों ने भी निरीक्षण किया व एसडीएम से वार्ता की।
बैठक के बाद उप जिलाधिकारी नंदन कुमार ने बताया कि एनजीटी में दायर याचिका के बाद जल स्वरूप से पानी का दोहन बंद कर दिया गया था लेकिन स्थानीय लोगों की मांग के बाद पानी की गुणवत्ता और उसके उपयोग को लेकर स्थानीय लोगों और उत्तराखंड जल संस्थान के अधिकारियों के साथ वार्ता की गई है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि पानी की गुणवत्ता की जांच के बाद उसका उपयोग किया जाएगा। साथ ही पानी के प्राकृतिक स्रोत से किसी प्रकार की छेड़खानी नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर उत्तराखंड जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत ने कहा कि पर्यटन सीजन में मसूरी में पानी की बहुत किल्लत हो जाती है इसको लेकर रात्रि के समय टैंकरों द्वारा पानी की सप्लाई करने के लिए अनुरोध किया गया है ताकि पानी की कमी ना हो जिस पर सहमति व्यक्त की गई। वहीं झील स्थित धोबीघाट के स्थानीय नागरिक मोहम्मद रिजवान ने बताया कि 1998 में धोबी घाट जल परियोजना शुरू की गई थी लेकिन उसके बाद टैंकरों से पानी की सप्लाई शुरू की गई। इससे धोबी घाट में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जलस्रोत से किसी प्रकार की छेड़खानी ना की जाए।