अयोध्या में हुआ राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन का जन्म।


रिपोर्ट – सुनील सजवाण
धनोल्टी/थत्यूड़ : अयोध्या मे महाराज दशरथ व सुमन्त की वार्ता के बाद कुल गुरू वशिष्ठ ऋषि के कहने पर श्रृंगी ऋषि जी को पुत्रयेष्ठी यज्ञ हेतु अयोध्या बुलाया गया।
जंहा महाराज दशरथ ने बुढापा आ जाने के बाद भी उनके घर पर कोई भी चिराग न होने की व्यथा ऋगी ऋषि को बताई जिसके बाद अयोध्या मे पुत्रयष्ठी यज्ञ के बाद राम ,लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन का जन्म हुआ।
वंही मिथिलापुरी मे बरसात न होने के बावजूद अकाल पडने के बाद हुई आकाशवाणी के बाद किसान महाराज जनक के पास जाते हैं व आकाशवाणी मे कही बात कि जब महाराज व महारानी सोने का हल खेतो मे जोतेगें तो बरसात होगी वाली बात महाराज को बताते है। महाराज जनक सोने का हल जोतते है वंही धरती माता से मॉ सीता का जन्म होता है व मिथिला पुरी मे बरसात होती है।
टिहरी के जौनपुर थत्यूड मे चल रही रामलीला के तृतीय दिवस की रामलीला मंचन का देश और विदेश के दर्शक ऑनलाइन दर्शन भी कर रहे हैं।
तृतीय दिवस की रामलीला मंचन मे मुख्य अतिथी हरी लेखवार अध्यक्ष मनरेगा संगठन टिहरी गढवाल मौजूद रहे।
रामलीला मंचन मे दशरथ का अभिनय राम प्रकाश भट्ट, वशिष्ठ का अभिनय गौरव चमोली, श्रृंगी ऋषि का अभिनय कमल किशोर नौटियाल जनक का अभिनय प्रवीन पंवार, किसान का अभिनय मुनिम प्रधान व सुमन्त का अभिनय दीपक सकलानी आदी ने किया।
इस अवसर पर रामलीला समिती के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, हरिलाल, हरिश नौटियाल, शिवांश सजवाण, रमन जोशी, संदीप राणा आदी मौजूद रहे।
मंच का संचालन सुनील सजवाण ने किया।