सीरो सैंपलिंग
दरअसल, प्रवासी पक्षियों के संपर्क में आने व उनकी बीट से भी यह वायरस अन्य पक्षियों में फैल जाता है। बर्ड फ्लू की रोकथाम को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन भी नहीं बनाई गई है। यही वजह है कि वायरस को खत्म करने के लिए पक्षियों को मारना ही विकल्प है। पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला की संयुक्त निदेशक डा. सपना मिश्रा के अनुसार, वायरस की पुष्टि करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद पक्षियों की सीरो सैंपलिंग की जाएगी। सीरो सैंपलिंग में यह देखा जाता है कि पक्षी के शरीर में एंटीबाडी बन रहे हैं या नहीं। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक कुमाऊं उदय शंकर ने बताया कि अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी सतर्कता बरती जा रही है। ऊधम सिंह नगर जिले में प्रदेश की पहली बतख हैचरी की भी विशेष निगरानी की जा रही है। पशु चिकित्सक बतखों की रोजाना निगरानी कर रहे हैं।
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