शिक्षा का उद्देश्य सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास – डॉ कपिल आचार्य।

मसूरी : महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज की 200 वीं जयन्ती के कार्यक्रमों की कड़ी में आर्य समाज मसूरी का वार्षिकोत्सव देवयज्ञ के साथ आरम्भ हो गया। कार्यक्रम के अवसर पर स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण विषयक कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर मेरठ से पधारे भारत भूषण सम्मानित एवं वैदिक प्रवक्ता व एजुकेशनल ट्रैनर डॉ कपिल आचार्य ने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास है।
आर्य समाज मंदिर लंढौर में महर्षि दयानंद सरस्वती के दो सौं वहीं जयंती एवं आर्य समाज मसूरी के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यशाला में आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण पर मुख्य वक्ता डा. कपिल आचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा किसी देश की भाषा, सभ्यता, संस्कृति और जीवन आचरण से जुड़ा विषय है। इसका मुख्य अंग सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण कर समाज के लिए आदर्श नागरिक तैयार करना है। श्रीमद दयानंद आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल पौंधा देहरादून से आये आचार्य धनंजय आर्य ने कहा कि शिक्षा का स्वरूप ऐसा हो जो कि समाज और संस्कृति से जुड़ा हुआ हो, उसी से व्यक्तित्व निर्माण सम्भव है। उन्होंने स्मरण शक्ति बढानेे पर भी विचार व्यक्त किए। जालंधर पंजाब से पधारे पंडित राजेश आर्य ने ईशभक्ति और राष्ट्रभक्ति के गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आर्य समाज मसूरी के संरक्षक नरेन्द्र साहनी सपत्नीक यजमान रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत भूषण आर्य ने की। इससे पूर्व प्रातः आर्य समाज मंदिर में यज्ञ, भजनोपदेश, प्रवचन आदि किए गये। अंत में प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन आनन्द रस्तोगी ने किया व प्रणव साहनी से सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर पंडित संतलाल आर्य, हर्ष आर्य, देवव्रत आर्य, रमन आर्य, धनप्रकाश अग्रवाल, पुनीता अग्रवाल, साधना साहनी, सतीश रोहिला,रीना रस्तोगी, विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं सहित अनेक सज्जन उपस्थित रहे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सोशल मीडिया वायरल