दुबडी का पर्व पारंपरिक तरीके के साथ धूमधाम से मनाया गया।


टिहरी गढ़वाल : जौनपुर ब्लॉक की जहाँ अनेक गाँवों में प्रति वर्ष मनायें जाने वाला दूबड़ी का त्यौहार बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें टकारना, गैड़, चामाासारी, लगड़ासू सहित जौनपुर ब्लॉक सहित जौनसार में खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाने वाला दुबड़ी त्योहार धूमधाम से मनाया गया। मालूम हो कि इस त्यौहार में दूबड़ी को समस्त ग्रामीण इन दिनों होने वाली खेतों की खड़ी फसलों में झंगोरा, कोणी, मंडुआ, मक्का आदि के पेड़ों को उखाडकर पंचायती चौक में लाकर एकत्रित करते है व उसको एक तने के सहारे खड़ा किया जाता है, गांव की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में आरती की थाल से दुबड़ी के पुतले की पूजा करते हैं। उसके बाद पुरुष दुबड़ी के पुतले को उखाड़ने के लिए जोर आजमाइश करते हैं। जो बड़ा ही रोमांचकारी दृश्य होता है। पुतला उखड़ने पर ढोल दमाऊं की ताल पर तांदी, मंडाण और लोकगीत गाए जाते हैं। गांव से जो भी लोग शिक्षा, रोजगार के लिए बाहर रहते हैं वह सभी लोग भी इस त्यौहार को मनाने गाँव आते हैं इस त्यौहार में अनेक प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं जिसका लोग बड़ा लुफ्त भी उठाते हैं।