पर्यावरण सरंक्षण के लिए द हंस फाउंडेशन की पहल।


रिपोर्ट – जितेन्द्र गौड़
टिहरी/उत्तराखंड : द हंस फाउंडेशन द्वारा उत्तराखण्ड के पौड़ी ,टिहरी, अल्मोड़ा और बागेश्वर जनपदों में वनाग्नि शमन एवं रोकथाम परियोजना का संचालन किया जा रहा है। वनों को आग से बचाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने हेतु वन विभाग के साथ मिलकर इस प्रकार की यह प्रथम परियोजना संचालित हो रही है।
इस के अंतर्गत ग्राम स्तर पर स्वयंसेवको का चयन करके उनको वन विभाग की सहायता से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, साथ ही विभिन्न स्तरों पर अलग अलग माध्यमो से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पर्यावरण सरंक्षण एवम कार्बन के उत्सर्जन को कम करने हेतु इस परियोजना के अंतर्गत सार्थक प्रयास किये जा रहे है। माह जुलाई में द हंस फाउंडेशन की ओर से 50000 विभिन प्रजाति की पौधों का रोपण राज्य के अलग अलग विकाशखण्डों मैं किया गया है । हरेला महोत्सव के अवसर पर अलग -अलग विभागों के सहयोग से लगभग 10000 पौधों का रोपण किया जा रहा है।
हरेला पर्व के उपलक्ष में रोपित पौधों पर महिलाओं द्वारा सांकेतिक रूप से रक्षा सूत्र बांध कर उनकी सुरक्षा की जिमेदारी स्वयं ली जा रही है । स्थानीय इष्ट देवताओ के नाम पर वनों का नामकरण करके आने वाली पीढ़ी को वन एवम पर्यवरण सरंक्षण की जानकारी दी जा रही है। पौध रोपण के पश्चात उनकी देखभाल की जिम्मेदारी तय करने हेतु ग्राम स्तर पर बैठक करके नियम बनाये जा रहे है।