द हिल्स ऑफ एंचेंटमेंट, मेरे जीवन की कहानी का लोकार्पण रस्किन बांड ने किया।

मसूरी : जाने माने अंग्रेजी लेखक रस्किन बांड ने एलएफ प्रकाशन  से प्रकाशित अपने जीवन की कहानी द हिल्स ऑफ एचेंटमेंट (जादू की पहाड़ी) पुस्तक का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्हांेने अपने पाठकों को शुभकामनाएं भी दी।
रस्किन बांड देश के ऐसे अंग्रेजी लेखक है जो सबसे अधिक पढे़ जाते हैं व सबके पसंदीदा है। लेकिन उम्र के अंतिम पड़ाव में भी पाठकों के लिए लिख रहे हैं जबकि उन्होंने अपने जीवन के 90 वर्ष पूरे कर लिए हैं। एक लेखक के रूप में अपने अनुभवों व जीवन में घटित घटनाओं को अपनी पुस्तकों में स्थान दिया व उन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया। पहाडो, एंकातं, परी टिब्बा व घर की खिड़की से देखे जानी वाली फेयरी हिल ने उनके कार्य को प्रभावित किया। रस्किन बॉन्ड कई बेस्टसेलिंग उपन्यासों और लघु कहानियों, निबंधों और कविताओं के संग्रह के लेखक हैं। जिसमें द रूम ऑन द रूफ, जिसे जॉन लेवेलिन राइस पुरस्कार मिला, कबूतरों की उड़ान, देवली में रात्रिकालीन ट्रेन, शामली में समय रुकता है, देहरा में हमारे पेड़ अभी भी उगते हैं जिसे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला, क्रोधित नदी, नीली छतरी, दिल्ली दूर नहीं है; पहाड़ों में बारिश; रात्रिभोज के लिए बाघ; फ़ॉस्टरगंज के किस्से, दोस्तों का जमावड़ा, एक पुरानी दीवार का सपना देखना, छोटे शहर, बड़ी कहानियाँ, इत्मीनान की कहानियाँ, दुष्टों की एक गैलरी, धुंध में रोडोडेंड्रोन, मिरेकल एट हैप्पी बाज़ार जिसे कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल चिल्ड्रेन्स बुक ऑफ़ द ईयर, 2021 का पुरस्कार मिला, यह एक बहुत ही बढ़िया जिंदगी है, दीवार पर छाया, जंगल का गीत, द लास्ट टाइगर, द गोल्ड कलेक्शन, और द नाइट हैज़ ए थाउजेंड आइज़। रस्किन बॉन्ड को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, पदम् भूषण वं दिल्ली सरकार ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

पुस्तक विमोचन के मौके पर रस्किन बॉड ने कहा कि वह जो भी लिखते है वह अपने जीवन से जुड़े अनुभवों पर लिखते हैं, जिसे पाठक पसंद करते हैं व वहीं उन्हें इस उम्र में लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पहली कहानी 1951में स्टेट वीकली में छपी थी उन्होंने अपने पाठकों के लिए शुभकामनाएं दी व कहा कि सभी खुश रहे, पूरे विश्व में खुशी रहे व सभी सुखी रहें। इस मौके पर एलएफ प्रकाशन के डेविड देवीधर ने कहा कि रस्किन बॉड के साथ लंबे समय से रिश्ते है जब वे जवान थे तब से उनकी पुस्तकों का प्रकाशन कर रहे है। इस पुस्तक में भी उन्होने अपने जीवन जे जुड़े किस्सों को लिखा है। उन्होंने कहा कि पुस्तके पढनी चाहिए, लेकिन आज पाठक के पास कई आप्शन हैं, लेकिन पुस्तके पढने से ज्ञान में वृद्धि होती है। उन्होंने नये लेखकों को संदेश दिया कि वे अच्छा लिखते रहें, अच्छी पुस्तकें पढे। इस मौके पर क्रेंब्रिज बुक डिपो के सुनील अरोड़ा, व अतिथि भी मौजूद रहे।

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