ताडका का बध व मारीच का तारण सुबाहु का वध रहा तीसरे दिन की रामलीला मंचन का प्रमुख आर्कषण।


सुनील सजवाण
धनोल्टी/टिहरी : टिहरी जनपद के जौनपुर विकास खण्ड के मुख्यालय थत्युड मे चल रही रामलीला मंचन के तीसरे दिन गुरू विश्वामित्र राम व लक्ष्मण को अयोध्या से अपने साथ अपने आश्रम मे ले जाते हैं जंहा राक्षसो की माता ताडका द्वारा गुरू विश्वामित्र के यज्ञ को खंडित करने की चेष्ठा की जाती है और मर्यादा पुरुषत भगवान रामचन्द्र के हाथो ताडका का वध होता है वंही माता ताडका के वध की सुचना के बाद मारीच और सुबाहु से भी भगवान राम व लक्ष्मण जी का युद्व होता है जिसमे मारिच को भगवान बीना फल का बाण मारते है और वह राम भक्त बन जाता है किन्तु सुबाहु का भगवान वध कर देते है उधर मिथिलापुरी मे भगवान शिव के धनुष को माता सीता उठाकर दुसरे स्थान पर रख लेती है जबकी इस धनुष को कोई दिव्य व्यक्ति ही उठा सकता था महाराजा जनक जैसे ही इस दृश्य को देखते हैं तो सीता के स्वयंवर की घोषणा करते हैं कि जो भी शिव धनुष पर प्रत्यंजा चड़ाएगा उसी के साथ सीता का स्वयंवर होगा इस स्वयंवर मे गुरुविश्वामित्र को भी बुलाया जाता है जिसके बाद राम व लक्ष्मण भी गुरूजी के साथ चलने का निवेदन करते हैं व मिथिला पुरी की और प्रस्थान करते हैं।
मार्ग मे गौतम ऋषि की अर्धागंनी अहिल्या शॉप वश शिला के रूप मे रहती है भगवान राम चन्द्र के चरण स्पर्श से अहिल्या का उद्धार भगवान करते है।
इस अवसर पर राम का अभिनय गौरव चमोली लक्ष्मण का अभिनय रोहित जोशी , सीता का अभिनय शिवांश सजवाण, गुरूविश्वामित्र का अभिनय प्रवीन पंवार, दशरथ का अभिनय राम प्रकाश भट्ट, जनक का अभिनय कौस्तुक असवाल, ताडका का अभिनय मुनिम प्रधान आदी ने किया।
रामलीला धार्मिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक समिती द्वारा आयोजित रामलीला मंचन मे तीसरे दिवस मे मुख्य अतिथी खेमराज भट्ट अध्यक्ष सेवानिवृत कर्मचारी संगठन जौनपुर थत्युड , चैन सिंह चौहान अध्यक्ष विश्व हिन्दु परिषद उत्तरकाशी, रमेश प्रसाद पोस्टमास्टर थत्युड, राजपाल भण्डारी थे।
इस अवसर पर रामलीला समिती के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, निर्देशक रामप्रकाश भट्ट, मुनिम प्रधान, हरि लाल, सन्दीप राणा, संगीत मे शान्ती प्रसाद चमोली, प्रकाश नौटियाल, हरिश नौटियाल, सन्दीप राणा, आदी लोग मौजुद थे मंच का संचालन सुनील सजवाण ने किया।