ख्यार्सी गांव मे ध्याणियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम बना एतिहासिक सुनील सजवाण का शायराना अंदाज व पद्म श्री डॉ० प्रीतम भरतवाण के गीतो पर जमकर नाचे लोग।
रिपोर्ट – सुनील सजवाण
टिहरी गढ़वाल : देवभूमि उत्तराखण्ड मे यदि सांस्कृतिक समावेश व संस्कृति की बात की जाए तो टिहरी जनपद के जौनपुर विकास खण्ड का नाम हमेशा से अग्रणी रहा है।
थत्यूड के निकट ख्यार्सी गांव मे कुलदेवता ऋषिकेश के मेले के दिन गांव की ध्याणियो ( गांव की वैवाहिक बेटियो ) द्वारा भव्य जागरण व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम मे ध्याणियो ने ऋषिके श देवता , महासु देवता, व मॉ भगवती के नाम आर्थिक सहयोग व चांदी का ढोल गांव को समर्पित किया।
दिन मे हजारो की संख्या मे अपनी पारम्परिक वेशभुषा के साथ गांव की रैणी ( गांव की बहुएं ) व ध्याणियों ने गांव के देव प्रांगण मे लोक नृत्य तांदी की प्रस्तुती देकर गांव के परिवेश को संस्कृतिमय बना दिया।
ग्रामीणो ने रेणियो के साथ मिलकर ध्याणियों का सम्मान अक्ष पुष्प के साथ किया।
इस विशाल सांस्कृतिक समावेश वाला यह कार्यक्रम गैर राजनैतिक रहा व ग्रामीणो की एकता इस कार्यक्रम मे देखने को मिली।
रात्री मे पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के गीत जागर व पवाडो पर हजारो की तादात मे उपस्थित रैणी ध्याणी व जन सैलाब जमकर नाचा।
लोक पारम्परिक अपनी वेश भुषा के साथ हजारो रैणि ध्याणि व ग्रामीणो को देख पद्मश्री डॉ० प्रीतम भरवाण भी सहृदय गदगद हो गए।
वंही प्रसिद्ध मंच संचालक सुनील सजवाण ने हजारो लोगो से भरे पाण्डाल मे कुल देवता के जयकारे लगवाकर व शायराना अन्दाज मे मंच संचालन कर सांस्कृतिक पाण्डाल मे चार चांद लगा दिए।
टीम के साथ आई लोग गायिका सीमा पंगरियाल, शिवानी नेगी लोक गायक सुरतम भरतवाण के गीतो पर रैणि व ध्याणियो ने जम कर किया तांदी नृत्य।
संगीत पक्ष मे मंच पर हुडके मे विजेन्द्र बेसवाल, पैड मे गोविन्द शरण, ढोलक मे सुरेन्द्र बेसवाल, तबले पर शांती भुषण व संगीत मे सुरेन्द्र सिंह ने संगत दी।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान शीला रागड ने आए सभी कलाकारो का स्वागत व सम्मान किया।