जौनपुर का यह विद्यालय बेहतर शिक्षा प्रदान कर अपना संकल्प कर रहा है पूरा, हो रहा है रिवर्स माइग्रेशन।

टिहरी : “जहाँ चाह वहाँ राह” यह कहावत तो आपने सुनी होगी। इसी कहावत को पूरा कर रहे है जौनपुर के युवा जोश। 2016 में प्रारम्भ किया गया विद्यालय आज शिक्षा गुणवत्ता का प्रतीक बनता जा रहा है। साल दर साल छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर अपना संकल्प पूरा कर रहे है विगत पूर्व वर्षो की भांति लगातार इस वर्ष भी एस.एफ. मेमोरियल स्कूल गरखेत की छात्रा कुमारी सृष्टि बिष्ट सुपुत्री सूरज बिष्ट ( ग्राम – ख्यार्सी, जौनपुर) एवं आदर्श पंवार सुपुत्र साविंदर पंवार (ग्राम – बिच्छु, जौनपुर) का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में हो गया है। निरंतर शिक्षको की मेहनत और छात्र / छात्रा के प्रयास द्वारा पिछले वर्ष के भांति इस वर्ष भी एस.एफ. मेमोरियल स्कूल गरखेत से 2 और विद्यार्थियों का चयन हुआ है। सृष्टि बिष्ट और आदर्श पंवार को बहुत बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएं।
जौनपुर गरखेत के एस. एफ. मेमोरियल स्कूल द्वारा विगत 2016 से पलायन को रोकने के लिए बहुत सराहनीय प्रयास किया है। विद्यालय से प्रति वर्ष जवाहर नवोदय में छात्रों का चयन होते रहा है। विद्यालय बहुत ही कम फीस में छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करता है। विद्यालय द्वारा लोकडाउन में भी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कराई गई थी जिससे कोरोना महामारी के दौरान भी बच्चो की पढ़ाई पर कोई प्रभाव नही पड़ा। सरकार की गाइडलाइंस को भी विद्यालय द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया गया। विद्यालय द्वारा 2016 से लगभग 10 से ज्यादा परिवारों को शहर से गांव की तरफ लाया है। सृष्टि बिष्ट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। सृष्टि बिष्ट 2017 तक देहरादून के एस.जी.आर.आर. स्कूल बिंदाल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी परन्तु जैसे उनके पिता सूरज बिष्ट को ज्ञात हुआ कि गरखेत में इंग्लिश मीडियम स्कूल खुला है तो उन्होंने अपने दोनों बच्चों का एडमिशन एस.एफ. मेमोरियल स्कूल गरखेत में करवाया एवं आज उनका यह फैसला सही साबित हुआ है। इसी प्रकार से अन्य कई परिवार भी देहरादून, विकासनगर, मसूरी, से वापस आये है। विद्यालय का खुलने का मुख्य कारण ही पलायन रोकना है जिसमे वह समय समय पर सफलता भी हासिल कर रहे है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान भी विद्यालय से एक बच्चे का चयन हुआ था। विद्यालय द्वारा शिक्षा के स्तर को समय के साथ लगातार सुधारा जा रहा है। विद्यालय प्रबंधन के द्वारा बताया गया है कि 2016 से विद्यालय बिना किसी सरकारी एवं प्राइवेट संस्था की सहायता से संचालित कर रहे है।विद्यालय ने 2016 से लगभग 40 बच्चो को गौद लिया है जिसमे उनकी फीस माफ कर रखी है, ड्रेस एवं किताबों का सारा व्यय वह स्वयं एवं सामाजिक सेवक जैसे व्यक्तियों की सहायता से प्राप्त करते है । विद्यालय उनके द्वारा स्वयं के संसाधनों से विद्यालय संचालित किया जा रहा है। खुद के संसाधनों से विद्यालय संचालित करने में उन्हें लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे विद्यालय आगे चलाने के लिए मुश्किलें हो रही है।

विद्यालय प्रबंधक के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं से विनती एवं निवेदन किया है कि गरीब बच्चो को बेहतर शिक्षा के इस महान कार्यो में उनकी सहायता करें ताकि पहाड़ का बच्चा भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके। जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा का परिणाम आने से विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकगण बहुत ही उत्साहित है एवं आगे भी इससे बेहतर परिणाम देने के लिए प्रयासरत है।

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