यमुनोत्री धाम को लेकर कब जागेगी सरकार, पैदल मार्ग में हो सकता है कभी कोई बडा़ हादसा।


रिपोर्ट – अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है और यात्रा के कपाट खुले अब लगभग दो माह का समय हो चुका है लेकिन यमुनोत्री धाम की स्थिति सबसे खराब है जहां तीर्थ यात्रीयों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है।
यमुनोत्री धाम में जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक पैदल मार्ग है और इस पैदल मार्ग की स्थिति ऐसी की आप अंदाजा नहीं लगा सकते की यात्री और घोडे़ संचालक,पैदल यात्री,डंडी ,कंडी,संचालक किस कदर यात्रा कर रहे हैं।
यमुनोत्री धाम के लिये भंडेली गाड़ से जो वन विभाग का वैकल्पिक मार्ग है वहां की स्थिति इतनी खराब है कि जिसकी स्थिति तस्वीरों में बया की जा रही है।
उत्तराखडं सरकार और जिला प्रशासन यात्रा व्यवस्था को लेकर चाहे कितने भी दावे कर लेकिन इन सभी दावों की पोल स्वयं देश विदेश की तीर्थ यात्री खोल रहे हैं और सरकारों की सुगम व्यवस्थाओं की पोल खोल रहे हैं।
देश और प्रदेश के सभी धामों की स्थिति यदि देखा जाये तो सबसे खराब स्थिति यमुनोत्री धाम की है जहां की हमेशा अनदेखी हो रही है।
स्थानिय लोग और यात्री मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री स्वयं यमुनोत्री पैदल मार्ग से एक बार यात्रा करे तो समझ में आयेगा कि यमुनोत्री धाम की यात्रा व्यवस्था के लिये सरकार ने क्या किया।
हम लगातार यमुनोत्री धाम में सरकार को जगाने की कोशिस कर रहे हैं लेकिन सरकार कुंभकरणी नींद से जाग नहीं रही,यहां कभी कोई बडा़ हादसा हो जाये तो जवाबदेही लेने वाला कोई नहीं उस दिन शोक सवेदना के अलावा और कुछ नहीं होगा।
तीर्थ यात्रीयों और घोडा़ खच्चर संचालकों ने अव्यवस्था को लेकर सरकारी सिस्टम पर सवाल उठायें हैं और यमुनोत्री धाम के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है वहीं दूसरी ओर समाजसेवी महावीर पंवार माही लगातार अपनी आवाज शुरूआती दौर से उठा रहे हैं लेकिन मजाल क्या जो सरकारी सिस्टम जागे चाहे कोई मरे या बडी़ घटना है?
ऐसे में अब सवाल उठता है कि सरकारी धन को ठिकाने लगाने अलावा और कोई दूसरा काम नहीं हो रहा है।