युवाओं को समानता व सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने हाथ में लेनी चाहिए – डॉ. सुनीलम।
केम्पटी/टिहरी : सामाजिक लोकतंत्र को मजबूत करने में युवाओं की भूमिका पर तीन दिवसीय शिविर में मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक व “नफरत छोडो़, संविधान बचाओ यात्रा के संयोजक” डॉ. सुनीलम, पूर्वज्ञ सांसद राज्यसभा प्रदीप टम्टा ने सामाजिक लोकतंत्र, संविधान और समाज सुधार में सामाजिक आंदोलनों की भूमिका पर बात रखी।
शिविर में उत्तराखण्ड के 8 जिलों के अलग अलग सामाजिक संघठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। राष्ट्र सेवा दल के तत्वावधान में आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए डा. सुनीलम ने कहा कि जिंदा कौम अन्याय सहन नहीं करती. युवा देश का भविष्य है और उनको समानता, सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने हाथ में लेनी चाहिए। कहा कि आज जाति-धर्म के आधार पर लोगों को बांटा जा रहा है, जिसके बुरे परिणाम होंगे। पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने उत्तराखण्ड में हाल के दिनों में बढ़ी उत्पीड़न की घटनाएं चिंताजनक हैं. सरकारें हत्यारों, बलात्कारियों को सह दे रही है। टम्टा ने देश दुनिया में मौजूद अन्याय के प्रति शिविरार्थियों का ध्यान दिलाते हुए कहा कि अब बदलाव का दौर चला है। हर तरफ संघर्ष जल है। महिलाएं अपने स्वतंत्र अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। हिजाब के खिलाफ इरान में महिलाएं मुखर है। भारत में जाति भेद के खिलाफ लड़ाई चल रही है. अपनी आजादी व पहचान हर कोई बचाकर रखना चाहता है।
शिविर संयोजक व राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय संघठक जबर सिंह वर्मा ने अंकिता से लेकर जगदीश हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में दलित व महिला उत्पीड़न सुनियोजित ढ़ग से बढ़ रहा है, जो इस इस शांति प्रिय प्रदेश के लिए घातक है। कहा कि जब दुनिया सूरज चांद तक पहुँच बना रही है, ऐसे में हमारा राष्ट्र जातिवाद, धर्मान्धता कर्मकांड, पाखंड से जुझ रही है व बेतुकी रूढ़िवादी सोच को पाल पोश रहे हैं.तथा उस पर बहस करके अपनी बर्बाद कर रहे है। नैनीताल से खस्टी सुयाल, अल्मोड़ा से किरन आर्या, टिहरी से शैलेंद्र चौहान, उत्तरकाशी से पूजा शाह, जौनसार से पूर्व प्रधान संतराम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नंदा राम, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार, विकास, विक्रम सिंह आदि ने संबोधित किया। संयुक्त रूप से समता, समाजवादी न्याय, संविधान, सामाजिक लोकतंत्र की रक्षा करके के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने का संकल्प लिया।