कुमाऊं मंडल में पोल्ट्री उद्योग फल-फूल कर स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

देहरादून/अल्मोड़ा : राज्य समेकित सहकारी परियोजना के नोडल अधिकारी व एमडी पोल्ट्री परियोजना आंनद एडी शुक्ल की दूरदर्शी विजन से पोल्ट्री फार्म प्रोजेक्ट में पंख लगते हुए दिखाई दे रहे हैं। लगातार समीक्षा बैठक कर शुक्ल सम्पूर्ण राज्य में स्थानीय पोल्ट्री फार्म किसानों की आर्थिक उन्नति में सहायक होते दिख रहे हैं।

प्रंबध निदेशक आनंद शुक्ल के निर्देश पर 15 मार्च 2024 को कुमाऊँ के उप रजिस्ट्रार हरीश चन्द्र खंडूरी ने रनमैन एम-पैक्स पोल्ट्री मदर यूनिट का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में पोल्ट्री वैली योजना के जिला नोडल अधिकारी चन्द्र प्रकाश (एडीसीओ), मुख्यालय से एडीसीओ रोहित दुम्का, विकास खण्ड ताकुला के एडीओ सुनील दत्त पंत सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे। रमन एम-पैक्स के सचिव/प्रबंध निदेशक, गणेश सिंह भंडारी। इसके अतिरिक्त निरीक्षण के दौरान समिति के लेखाकार निर्मल जोशी भी उपस्थित थे।

निरीक्षण के दौरान पता चला कि 26 मार्च 2024 को हवलदार हेचरी की ओर से मदर यूनिट को 2500 एक दिन के चूजे उपलब्ध कराये गये थे, जिसका प्रबंधन पशुपालन विभाग द्वारा किया जाता है. इन चूजों को मातृ इकाई द्वारा 21 दिनों तक पालने और 16 मार्च, 2024 को वितरित करने का इरादा था।

निरीक्षण में उप रजिस्ट्रार खंडूरी और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति पोल्ट्री उद्योग में नियमों की निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डालती है। मुर्गी पालन पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकारी अधिकारियों, पोल्ट्री वैली योजना और रमन एम-पैक्स जैसी स्थानीय पोल्ट्री समितियों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।

यह स्पष्ट है कि पोल्ट्री फार्मों के सुचारू संचालन के लिए उचित योजना और समन्वय आवश्यक है। मुर्गी पालन इकाइयों की उत्पादकता और लाभप्रदता को अधिकतम करने के लिए चूजों का समय पर वितरण और पालन कार्यक्रम का पालन महत्वपूर्ण है। उप रजिस्ट्रार खंडूरी और जिला नोडल अधिकारी चंद्र प्रकाश जैसे अधिकारियों के समर्थन और निरीक्षण से, कुमाऊं में पोल्ट्री उद्योग फल-फूल सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

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