राज्य के पॉलिटेक्निक संस्थानों में संचालित ऐसे नवीन पाठ्यक्रम/विषय, जिनमें प्रवेश हो चुके हों, लेकिन छात्र संख्या न्यून हो, को बन्द करने के परिप्रेक्ष्य में तकनीकी शिक्षा मंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा।
देहरादून : राज्य के पॉलिटेक्निक संस्थानों में संचालित ऐसे नवीन पाठ्यक्रम/विषय, जिनमें प्रवेश हो चुके हों, लेकिन छात्र संख्या न्यून हो, को बन्द करने के परिप्रेक्ष्य में तकनीकी शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार के स्तर पर आज दिनांक 01-10-2024 को समीक्षा की गयी। इस दौरान विभागीय सचिव एवं विभागाध्यक्ष (प्राविधिक शिक्षा), अपर निदेशक (प्राविधिक शिक्षा), उपस्थित रहे।
अवगत कराया गया कि विभागान्तर्गत संचालित 15 पॉलीटेक्निक संस्थान जिनमें वर्तमान सत्र में संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश 30 प्रतिशत से कम है या शून्य हैं, उन पाठ्यक्रमों को स्थगित करते हुए उनके स्थान पर छात्रहित में परम्परागत कोर्स नई इमर्जिंग टैक्नोलॉजी के विशिष्टिकरण के साथ संचालित किये जाने प्रस्तावित किये गये हैं, जिससे संस्थाओं में अधिकाधिक छात्र प्रवेश पा सकें। यथा कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजी० पाठ्यक्रम को गेमिंग एण्ड एनिमेशन विशिष्टिके साथ, सिविल इंजी० पाठ्यक्रम को कंस्ट्रक्शन टैक्नोलॉजी विशिष्टि के साथ एवं मैकेनिकल इंजी पाठ्यक्रम कैड/कैम विशिष्टि के साथ इत्यादि, जिसका भविष्य में युवाओं को दीर्घकालिक लाभ मिल सकेगा।
बैठक में सम्यक् तौर पर चर्चा के उपरान्त प्रस्ताव को अग्रेत्तर परिशोधन उपरान्त तर्कसंगत रूप में प्रस्तुत किये जाने का निर्देश मंत्री उनियाल द्वारा दिया गया।
यह भी सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा की गई कि एक पाठ्यक्रम को एक जनपद में अधिक संस्थाओं में संचालित न किया जाय और जनपदवार पॉलिटेक्निक संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों का रेशनालाईजेशन इस प्रकार से तैयार किया जाए कि प्रत्येक जनपद में सभी पाठ्यक्रमों का संचालन हो। मंत्री उनियाल द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि जिन स्थानों पर पॉलीटेक्निक संस्थान संचालित किये जा रहे हैं, उनके आस-पास स्थित हाईस्कूल, इण्टर कॉलेज एवं डिग्री कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए तकनीकी पाठ्यक्रमों के बारे में जन-जागरूकता अभियान अनिवार्य रूप से चलाएं जाए, जिससे छात्र-छात्राओं को परम्परागत तकनीकी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ इमर्जिंग टैक्नोलॉजी के पाठ्यक्रमों की सही एवं लाभकारी जानकारी प्राप्त हो सके।
मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि जिन पॉलीटेक्निक संस्थाओं में नवीन पाठ्यक्रम संचालित हैं, उन पाठ्यक्रमों के सुदृढीकरण का संयत प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाय।