नब्ज पर हाथ-दिल से बात, ऋषिकेश में कुछ ऐसा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज
तीर्थनगरी और योगनगरी के रूप में विश्वभर में पहचान रखने वाले ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अपने संबोधन में देवभूमि उत्तराखंड से न केवल अपने जुड़ाव को प्रदर्शित किया, अपितु आम जन की नब्ज पर हाथ रख अपनी भावनाओं को दिल से अभिव्यक्ति दी। विजय संकल्प रैली में एक साथ तीन लोकसभा सीटों के मतदाताओं को संबोधित करते हुए नमो ने प्रभाव रखने वाले हर वर्ग के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया, साथ ही विपक्ष कांग्रेस पर एक के बाद एक करारे प्रहार करने से भी नहीं चूके।
एक साथ तीन लोकसभा सीटों को साधा
इस चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड में यह दूसरी जनसभा रही। इससे पहले वह ऊधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत रुद्रपुर में आयोजित जनसभा में कुमाऊं मंडल की दो लोकसभा सीटों अल्मोड़ा व नैनीताल-ऊधम सिंह नगर के मतदाताओं को साध चुके हैं। पहले भाजपा ने प्रधानमंत्री की जनसभा हरिद्वार में आयोजित करने की तैयारी की थी, लेकिन फिर इसे ऋषिकेश में करने का निर्णय लिया। इसका कारण यह है कि ऋषिकेश गढ़वाल मंडल की तीन लोकसभा सीटों गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल व हरिद्वार के लगभग मध्य में स्थित है। यानी, ऋषिकेश से प्रधानमंत्री ने इन तीनों सीटों के मतदाताओं से संवाद किया।
सैन्य बहुल राज्य में बताया सैनिकों का पराक्रम
मोदी ने शुरुआत में गढ़वाली बोली में उपस्थित जनसमूह का अभिवादन किया, सभास्थल मोदी-मोदी के शोर से गूंजने लगा। स्वयं मोदी को कहना पड़ा कि लोग शांत हो जाएं, तो वह अपनी बात आगे बढ़ाएं। देवभूमि की परंपरा से स्वयं को जोड़ते हुए वह बोले कि हुड़का नाद देवताओं का आह्वान करने में ऊर्जा देता है और यहां उन्हें भी यह अवसर मिला। उत्तराखंड सैन्य बहुल राज्य है, इसलिए प्रधानमंत्री ने सेना के पराक्रम के साथ ही वन रैंक, वन पेंशन योजना का भी उल्लेख किया।
कांग्रेस पर बरसे तो बताई अपनी उपलब्धियां
उत्तराखंड देश के सीमांत पर स्थित है, इसलिए स्थानीय जनमानस की भावनाओं को महसूस करते हुए प्रधानमंत्री सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार न कर पाने लिए कांग्रेस पर जमकर बरसे। एक बार फिर वर्तमान दशक को उत्तराखंड का दशक बताते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार उत्तराखंड की सामर्थ्य को विस्तार देने में जुटी हुई है। पिछले 10 वर्षों के दौरान उत्तराखंड को केंद्र से मिली परियोजनाओं का उल्लेख करना भी प्रधानमंत्री नहीं भूले। इस कड़ी में उन्होंने चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की ओर आम जन का ध्यान खींचा।
पर्यटन विकास और युवाओं के लिए रोजगार
पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्र में हो रहे विकास और इनसे रोजगार सृजन को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अब पलायन की समस्या बीते दिनों की बात हो गई है। उत्तराखंड में युवा मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं, तो प्रधानमंत्री की जादुई पोटली से इस वर्ग के लिए भी काफी कुछ निकला। उन्होंने कहा कि राज्य में एक हजार से अधिक स्टार्ट अप पंजीकृत हैं, जिनमें से आधे का नेतृत्व बेटियां कर रही हैं।
महिलाओं से कायम किया सीधा संवाद
उत्तराखंड में महिलाओं को आर्थिकी की रीढ़ कहा जाता है, प्रधानमंत्री इस बात को भलीभांति जानते-समझते हैं। महिलाओं से संवाद स्थापित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके जीवन का महत्वपूर्ण समय यहीं व्यतीत हुआ, इसलिए महिलाओं को ईंधन के लिए लकड़ी और चारे के इंतजाम में खपते हुए निकट से देखा है। अब घर-घर सस्ता सिलिंडर पहुंच रहा है। इसी तरह 10 में से नौ घरों में नल से जल उपलब्ध है।
शक्तिपीठों का संबोधन में किया उल्लेख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना करते हुए मोदी बोले कि धामी व उनकी सरकार बहुत मेहनत से और शानदार काम कर रही है। राज्य के देवभूमि स्वरूप के संदर्भ में यहां की शक्तिपीठों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आस्था को तबाह करने का षड्यंत्र कर रही है।