जेलों के अंदर से नहीं चलेगा राजनीतिक खेल, लोकसभा चुनाव से पहले ये सख्त नियम लागू; कैदियों की शिफ्टिंग पर भी रोक
लोकसभा चुनाव को देखते हुए जेलों में भी सख्ती बतरनी शुरू हो गई है। प्रत्येक कैदी की निगरानी बढ़ा दी गई है, वहीं कैदियों से मुलाकात करने आ रहे उनके रिश्तेदारों व परिचितों पर भी नजर रखी जा रही है। कैदियों की शिफ्टिंग पर भी रोक लगा दी गई है और जेलों के अंदर राजनीति पर चर्चा न हो, इसके लिए भी सतर्कता बरती जा रही है। इसको लेकर जेल मुख्यालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, जबकि अभी आचार संहिता के साथ चुनाव तिथि घोषित होनी बाकी है। हथियार, नकदी व शराब की तस्करी रोकने के लिए हर तरफ चौकसी बढ़ाई गई है, सीमाओं पर चेकिंग की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर जेलों में भी सख्ती कर दी गई है। जेल मुख्यालय की ओर से सभी जेलों को पत्र लिखकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कैदियों की एक जेल से दूसरी जेल में होने वाली शिफ्टिंग पर पूर्ण तौर पर रोक लगा दी गई है। केवल सक्षम प्राधिकारी के आदेश पर ही किसी कैदी को शिफ्ट किया जा सकेगा।
इसके साथ ही जेलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूर्ण तौर पर प्रतिबंधित किया गया है। सभी जेलरों को निर्देशित किया गया है कि समय-समय पर बैरकों की चेकिंग करें। किसी भी जेल में मोबाइल का इस्तेमाल न हो। इसके साथ ही जेलों में राजनीति संबंधी कोई परिचर्चा न हो, हर कैदी पर बारीकी से नजर रखें। यदि किसी कैदी के आचरण में बदलाव आ रहा तो उस पर विशेष नजर रखें।
आदेश के बाद जेल प्रबंधन हुआ सख्त
जेल मुख्यालय से आदेश जारी होने के बाद जेलों में सख्ती बढ़ा दी गई है। सुद्धोवाला स्थित जिला जेल के जेलर पवन कोठारी ने बताया कि कैदियों से मुलाकात करने के लिए आने वाले व्यक्तियों को पूरी जांच के बाद ही मिलने की अनुमति दी जा रही है। इसके अलावा बैरकों की चेकिंग भी बढ़ा दी गई है। सप्ताह में एक दिन कैदियों से बातचीत की जा रही है।