हिमालय व गंगा को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा – किशोर उपाध्याय।
मसूरी : टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय ने कहाकि मसूरी राज्य का गौरव है जिसे पूरे विश्व में पर्वतों की रानी कहा जाता है उसकी गरिमा बनी रहे जिसके लिए यहां के पर्यावरण को बचाने के लिए हिमालय व गंगा को बचाना होगा।
उन्होने कहा कि मसूरी से दिखने वाले हिमालय में बर्फ नहीं है वह काले पड़ गये है व वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले दशकों में हिमालय पर बर्फ नहीं रहेगी अगर इसी तरह से इस दिशा में कार्य नही किया गया। गंगोत्री ग्लेशियर 27 किमी पीछे चला गया है वहीं हर वर्ष 90 मीटर खिसक रहा है। ऐसे में आने वाली पीढी कैसे सरवाइव करेगी। इसलिए लंबे समय ये हिमालय व गंगा को बचाने की बात कर रहे है। अगर गंगा है तो सनातन धर्म है, इसी से मोक्ष मिलता है, आज सिंगापुर, जापान के कई क्षेत्र समुद्र में डूब रहे है। इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को इससे विश्व स्तर पर लाभ मिल सकता है अगर इस दिशा में पहल करे। वहीं उन्होंने परिसीमन पर कहा कि जब 2004 मे परिसीमन हुआ था तब भी कहा था कि यहां की विधानसभा की सीटें बढनी चाहिए कम नहीं होनी चाहिए वहीं लोकसभा व राज्य सभा की सीटें भी बढनी चाहिए। इस पर विधानसभा को विचार करना चाहिए। इस संबंध में मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष से भी बात की है। इस मौके पर उपाध्याय ने कहा कि इस समय भू कानून की बात प्रमुखता से चल रही है। वहीं वनाधिकार जन हित में बनाये जाने चाहिए। उन्होंने कहाकि उत्तराखंड में वन संरक्षण कानून व वाइल्ड लाइफ वन कानून इसमें बाधा है इसमें सथानीय लोगों के हक हकूकों को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गंगा को मानते है व कहते है कि मां गगां ने उन्हें बुलाया है और अब कहते है कि गंगा ने उन्हें गोद लिया है इस संबंध में प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की जायेगी व सभी बातों को उनके समक्ष रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हिमालय व गंगा को बचाने की लडाई दुनिया को बचाने की लड़ाई है सरकार का अपना दायरा होता है लेकिन सभी जनप्रतिनिधियों जिसमें सांसद, विधायक, ग्राम प्रधान सभी को इस विषय पर संवेदनशील होना होगा। उन्होंने कहाकि इसमें उत्तराखंड का प्रमुख दायित्व है देश की 63 प्रतिशत जनता को पानी देने का कार्य कर रहे है, अब लोग जागरूक हो रहे है व हिमालय दिवस मना रहे हैं। उत्तराखंड को ग्रीन बोनस दिया जाना चाहिए क्यों कि वन कानून से सारे हक हकूक छीन लिए। उन्होंने आहवान किया कि हिमालय व गंगा को बचाने के इस आंदोलन में सभी को जुडना चाहिए ताकि आने वाली पीढी को इसका लाभ मिल सके। इस मौके पर पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल, सतीश ढौडियाल व विजय बिंदवाल मौजूद रहे।