शहीद स्थल पर टिन शैड नहीं बल्कि संग्रहालय बनायें व सौंदर्यीकरण किया जाय।

मसूरी : शहीद स्थल के सौंदर्यीकरण का कार्य लगातार टलता जा रहा है। प्रदेश के मुख्यंमंत्री की घोषणा के बाद लगातार इसमें व्यवधान आता रहा है। मुख्यमंत्री की घोषणा में शहीद स्थल पर टिन शैड बनाया जाना था जिसका राज्य आंदोलनकारियों ने विरोध किया था व कहा था कि टिन शैड बनने से इसकी सुंदरता समाप्त हो जायेगी। जबकि मांग थी कि शहीद स्थल के बगल वाली जमीन पर संग्रहालय बनाया जाय।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के तहत मसूरी गोलीकांड की बरसी से पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल पर टिन शैड बनाने के निर्देश नगर पालिका मसूरी को दिए जबकि यह कार्य पहले सिंचाई विभाग को दिया गया था। इस संबंध में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने शहीद स्थल जाकर राज्य आंदोलनकारियों से वार्ता की जिसमें सभी ने टिन शैड बनाने का विरोध किया व कहा कि इससे इसकी सुंदरता समाप्त हो जायेगी। जबकि आंदोलनकारियों का कहना था कि शहीद स्थल के बगल वाली जमीन पर संग्रहालय बनाया जाय। इस संबंध में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने कहाकि शहीद स्थल पर छत लगाने की जरूरत नहीं है यहां पर संग्रहालय बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक समिति ने मुख्यमंत्री को प्रस्ताव दिया था कि राज्य आंदोलन की याद को ताजा रखने के लिए यहां पर संग्रहालय बनाया जाय। तथा सांउंड व लाइट की व्यवस्था किया जाय ताकि यहां पर राज्य आंदोलन के बारे में पर्यटकों को पता लग सके। सभी आंदोलनकारियों ने संग्रहालय बनाने का सुझाव दिया व स्थल का सौदर्यीकरण किया जाय, प्रतिमाओं को हटाकर दूसरे स्थान पर लगाया जाय व सीढियों को हटाया जाय।

इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि उत्तराखंड में चार शहीद स्थल बने है जिसमें मसूरी, देहराूदन, मुजफुर नगर व खटीमा है वहां का डिजायन अलग है जबकि मसूरी का डिजाइन अलग है तो सडक से तीस फिट उपर है। जिसमें टिन शैड डालने से उसकी सुंदरता नष्ट हो जायेगी। जबकि यहां पर संग्रहालय बनाया जाना था, जिसमें उत्तराखंड राज्य आंदोलन का इतिहास व संस्कृति से संबंधित बनाया जाना था। विगत दिवस मुख्यमंत्री से मिले तो उन्होंने शहीद स्थल के बारे में पूछा तो बताया गया कि वहां पर कोई कार्य नहीं हुआ है। इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए व इसके सौदर्यीकरण के साथ संग्रहालय बनाया जाना चाहिए। इस मौके पर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने टिन शैड व संग्रहालय की घोषणा की थी, लेकिन सभी का मानना है कि यहा टिन शैड न बने बल्कि बगल की भूमि पर संग्रहालय बने ताकि पर्यटक राज्य आंदोलन के बारे में जान सके। इसके लिए मसूरी विधायक व मंत्री गणेश जोशी के माध्यम से मुख्यमंत्री को राज्य आंदोलकारियों की भावना से अवगत कराया जायेगा ताकि यहां का सौदर्यीकरण के साथ संग्रहालय बने। मौके पर मौजूद नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से कल ही पत्र आया कि शहीद स्थल पर टिन शैड बनाया जाय तो दो सितंबर से पूर्व बन जाये, लेकिन शहीद स्मारक समिति का मानना है कि यहां पर टिन शैड नहीं बल्कि संग्रहालय बनाया जाना है, व मूर्तियों को सिफट किया जाना है। इस पर शहीद स्मारक समिति से पत्र लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जायेगा।

इस मौके पर पूरण जुयाल, भगवती सकलानी, भगवान सिंह धनाई, रजत अग्रवाल, अरविंद सेमवाल, सतीश ढौडियाल, राजीव अग्रवाल, देवी गोदियाल, श्रीपति कंडारी, आदि मौजूद रहे।

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