चन्द्रग्रहण और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेरठ में पुष्पार्चन और भव्य अग्निहोत्र सम्पन्न।
मेरठ : आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्वावधान में गंगानगर के समीप अवस्थित अम्हेड़ा गाँव में निर्माणाधीन भगवान शंकर आश्रम परिसर प्रांगण में आज कार्तिक पूर्णिमा उत्सव अत्यंत धूमधाम से सम्पन्न हुआ। चंद्रग्रहण के सूतक काल में विशिष्ट वैदिक मंत्रोच्चार से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस अवसर पर दिव्य अग्निहोत्र और भव्य पुष्पार्चन के साथ भगवान की स्तुति की गई। आर्यम समुदाय में प्रविष्ट 41 संयोगियों ने नवदीक्षा ली जबकि 21 को मंत्र दीक्षा प्रदान की गई।
ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री ने बताया कि न्यास के प्रमुख और आश्रम के कुलप्रमुख जगतगुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम जी महाराज के सानिध्य और दिशा निर्देश में समस्त कार्य पूर्ण शांति और ईश्वरीय अनुभूति के साथ सम्पन्न हुए। असंख्य कमल पुष्पों और दुर्लभ हवन सामग्री के संयोजन से आज का समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में देश विदेश से लगभग 600 व्यक्तियों ने भाग लिया।
गुरुश्रेष्ठ श्री आर्यम जी महाराज ने आज के दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ग्रहण के प्रभावों का वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘यत् पिंडे तत् ब्रह्माण्डे ‘ इस ब्रह्मांड में घटने वाली प्रत्येक घटना का मानवीय जीवन से गहरा संबंध है। चंद्रमा चूँकि मन का कारक है अतः इस ग्रहण के समस्त प्राणियों के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
गुरुदेव श्री आर्यम जी ने कहा कि आज ही के दिन एक दिव्य आत्मा इस धरती पर अवतरित हुई थीं जिन्हें हम गुरु नानक देव जी के नाम से जानते हैं। नानक जी की शिक्षाएँ सैंकड़ों वर्षों के उपरांत आज भी प्रासंगिक हैं। उनके कालजयी संदेश आज भी हमें प्रेम , मानवता और भाईचारे का संदेश प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के आयोजन में माँ यामिनी श्री, शालिनी श्री, कल्याणी श्री, हर्षु शर्मा, अश्वनी कुमार, रवि कुमार, सुनील आर्य, जीतेश आर्य, नवीन कुमार, वरुण भारद्वाज , कपिल आदि का सहयोग रहा।